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धार्मिक स्थलों पर हमले हों तो क्या करें बांग्लादेश के अल्पसंख्यक? अंतरिम सरकार ने लिया बड़ा फैसला

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक हॉटलाइन स्थापित की है। हॉटलाइन स्थापित कर लोगों से कहा गया है कि हिंदू मंदिरों, गिरजाघरों या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर हमले हों तो इसके बारे में जानकारी दें।

Bangladesh Attack on Hindus- India TV Hindi Image Source : FILE AP Bangladesh Attack on Hindus

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक हॉटलाइन स्थापित की है, जिसमें लोगों से हिंदू मंदिरों, गिरजाघरों या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर हमलों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत जाने के बाद अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों में तोड़फोड़ की खबरों के बीच यह कदम उठाया गया है। शेख हसीना के पद से हटने के बाद कई दिनों तक जारी हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी को निशाना बनाया गया है। अल्पसंख्यकों की संपत्तियों को लूटा गया है साथ ही कई मंदिरों को भी नष्ट कर दिया गया है। 

जारी की गई है अधिसूचना

दैनिक अखबार ‘प्रथम आलो’ ने बताया कि धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने उपासना स्थलों पर हमलों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के हवाले से खबर में कहा गया, ‘‘यदि किसी मंदिर, गिरजाघर या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर उपद्रवियों की ओर हमला किया जाता है, तो अनुरोध है कि इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर पर दें।’’ 

ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे मुहम्मद यूनुस

इस बीच अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने ढाका में एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर का दौरा किया और हिंदू समुदाय के नेताओं को आश्वासन दिया कि मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता स्थापित करना उनके प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। ढाकेश्वरी मंदिर में मीडिया से यूनुस ने कहा, "देश में सभी को समान अधिकार है। हमारे बीच कोई भेदभाव नहीं है। कृपया मदद करें, धैर्य रखें और बाद में हमें आंकें कि हमने क्या किया और क्या नहीं किया। अगर हम असफल होते हैं, तो आलोचना करें।" 

Image Source : india tvMuhammad Yunus

'सिस्टम में है सुधार की जरूरत'

अंतरिम सरकार के कानूनी और धार्मिक मामलों के सलाहकार आसिफ नजरूल और एएफएम. खालिद हुसैन भी यूनुस के साथ मंदिर गए थे। यूनुस ने बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के अध्यक्ष वासुदेव धर और महासचिव संतोष शर्मा की उपस्थिति में कहा, "हमारी लोकतांत्रिक भावना में, हमें मुस्लिम, हिंदू या बौद्ध के रूप में नहीं, बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए। हमें अपने अधिकारों को लेकर सजग रहना और इसके लिए दावा करना चाहिए। सभी समस्याओं की जड़ में संस्थागत व्यवस्थाओं की कमजोरी है, इसीलिए ऐसी समस्याएं पैदा होती हैं। संस्थागत सिस्टम में सुधार की जरूरत है।'' (भाषा)

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