ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख एवं नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीबी अधिकारियों के इस्तीफे वैध हैं। बांग्लादेश में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर हसीना सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने कई शीर्ष अधिकारियों को पद छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद पिछले कुछ दिन में देश के प्रधान न्यायाधीश, पांच न्यायाधीश और सेंट्रल बैंक के गवर्नर इस्तीफा दे चुके हैं।
सैयद रेफात अहमद बने नए चीफ जस्टिस
मुहम्मद यूनुस ने पत्रकारों से कहा, “कानूनी तौर पर सारे कदम उठाए गए।” उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बहाल करना अंतरिम सरकार की प्राथमिकता है। यूनुस ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश ओबैदुल हसन को ‘जल्लाद’ करार दिया। हसन के इस्तीफे के बाद सैयद रेफात अहमद को रविवार को बांग्लादेश का नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्र नेताओं ने इस पद के लिए रेफात के नाम की सिफारिश की थी।
'छात्रों की मदद कर रहा हूं'
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की कमान संभालने वाले यूनुस ने कहा कि उन्होंने यह पद इसलिए स्वीकार किया, क्योंकि आंदोलनकारी छात्रों ने उनसे कहा कि वह एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन पर वो भरोसा कर सकते हैं। यूनुस ने कहा, “यह मेरा सपना नहीं है, यह उनका सपना है। इसलिए मैं इसे सच करने में उनकी मदद कर रहा हूं।” यूनुस ने आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों को “छात्रों के नेतृत्व वाली क्रांति” करार दिया और कहा कि उन्होंने अंतरिम सरकार के प्रमुख का पद इसलिए भी स्वीकार किया, क्योंकि “ये वो लोग हैं, जिनके आंदोलन ने सरकार गिरा दी।”
शेख हसीना के आलोचक रहे हैं यूनुस
यूनुस लंबे समय से हसीना और उनकी सरकार के आलोचक रहे हैं। पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर यूनुस को गरीबों, खासकर महिलाओं की मदद के लिए ग्रामीण बैंक के माध्यम से ‘माइक्रोक्रेडिट’ (लघु ऋण) प्रणाली की शुरुआत करने के वास्ते 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हसीना के 2008 में सत्ता में आने के बाद यूनुस और उनके ग्रामीण बैंक के खिलाफ कई जांच शुरू की गईं। 2013 में उन पर सरकार की अनुमति के बगैर नोबेल पुरस्कार राशि और एक किताब की रॉयल्टी सहित अन्य राशि प्राप्त करने के आरोप में मुकदमा चलाया गया। हालांकि, यूनुस ने सभी आरोपों को खारिज किया था। यूनुस के समर्थकों ने कहा था कि नोबेल विजेता को हसीना के साथ उनके तल्ख रिश्तों के कारण निशाना बनाया गया। एपी
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