बांग्लादेश में शेख हसीना का सत्ता परिवर्तन होने के बाद से लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में अबतक कुल 300 से अधिक हिंदू परिवारों और उनके घरों पर हमले हो चुके हैं और हिंदुओं के खिलाफ मॉब लिंचिंग की चार घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं 10 से अधिक हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और आगजनी की गई है। साथ ही अबतक अलग-अलग विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से 49 हिंदू शिक्षकों को इस्तीफा देकर बाहर निकाला जा चुका है। बांग्लादेश का हाल पाकिस्तान जैसा हो गया है और हिंदुओं का कत्ल हो या हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई दोनों ही आम बात हो गई है। यही नहीं हिंदुओं की हत्या करने वाले आतंकवादियों की जेल से रिहाई तक हो रही है और जब मामला यहीं तक नहीं रुका तो अब हिंदुओं को दुर्गा पूजा के पंडालों में अजान के दौरान पूजा-पाठ तक करने से रोका जा रहा है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगाई जा रही पाबंदी
दरअसल, 9 अक्तूबर से 13 अक्तूबर के बीच दुर्गापूजा का त्योहार पड़े जा रहा है, जिसका आयोजन बांग्लादेश में भी अबतक धूमधाम से किया जाता रहा है। हालांकि इस बार ऐसा नहीं होने वाला। क्योंकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृह मामलों के सलाहकार और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने ऐलान किया है कि बांग्लादेश में नमाज और अजान के दौरान हिंदुओं को पूजा-पाठ करने और लाउडस्पीकर पर भजन-गायन करने की मनाही रहेगी। अगर इस नियम का उल्लंघन करता हुआ कोई भी हिंदू पाया गया तो उसे बगैर किसी वारंट के पुलिस गिरफ्तार कर लेगी।
नमाज के वक्त नहीं होगी पूजा
इसे लेकर बांग्लादेश की सरकार का कहना है कि अगले महीने 9 अक्तूबर से 13 अक्तूबर के बीच बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों की स्थापना की जाएगी। पंडालों की स्थापना करने वाली समितियों को ही इस नियम का पालन करना होगा और ध्यान रखना होगा कि इस नियम का उल्लंघन न होने पाए। इन सभी पंडालों में अजान से 5 मिनट पहले सभी धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा पाठ को बंद करना अनिवार्य होगा। साथ ही अजान और नमाज के दौरान हिंदुओं के लाउडस्पीकर पर भजन सुनने, मंत्रोच्चार सुनने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। यानी अब बांग्लादेश में हिंदुओं के पूजा-पाठ तक को तानाशाही के जरिए वहां की सरकार कंट्रोल करने की कोशिश में जुटी हुई है।
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