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हिंसा की आग में झुलस रहे बांग्लादेश के लिए अहम है आज का दिन, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ लेंगे। इस बीच उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और हिंसा से बचने की अपील की है।

Bangladesh Crisis- India TV Hindi Image Source : AP Bangladesh Crisis

ढाका: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस बृहस्पतिवार (08-08-2024) को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ लेंगे। इससे पहले बुधवार को उन्होंने सभी से “शांति कायम करने” और “हर प्रकार की हिंसा से बचने” की अपील की थी। वहीं, दूसरी ओर अधिकारी कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण करने में जुटे हैं। शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद देश के सुरक्षा महकमे में बड़ा फेरबदल किया गया है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने बुधवार को घोषणा की थी कि अंतरिम सरकार बृहस्पतिवार को रात करीब आठ बजे शपथ लेगी। उन्होंने कहा था कि सलाहकार परिषद में 15 सदस्य हो सकते हैं। जनरल जमां ने कहा था सेना यूनुस को हरसंभव सहायता प्रदान करेंगे। 

'जीत का सर्वोत्तम उपयोग करें'

मोहम्मद यूनुस यूनुस ने शीर्ष पद के लिए उनका नाम आगे करने वाले छात्र आंदोलन के समन्वयकों को “बहादुर छात्र” कहते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन छात्रों ने “हमारे दूसरे विजय दिवस को संभव बनाने” का बीड़ा उठाया। उन्होंने एक बयान में कहा, “किसी भी संवेदनहीन हिंसा में शामिल होकर मौका ना जाया करें। हिंसा हमारी दुश्मन है। कृपया और दुश्मन ना बनाएं। शांति कायम करें और देश के निर्माण के लिए तैयार हो जाएं।” यूनुस ने कहा, “अगर हम हिंसा का रास्ता अपनाएंगे तो सब कुछ नष्ट हो जाएगा। कृपया शांत रहें। अपने आसपास के लोगों की शांत रहने में मदद करें।” अर्थशास्त्री ने कहा, “आइए हम अपनी नई जीत का सर्वोत्तम उपयोग करें। अपनी गलतियों के कारण यह मौका ना जाने दें। मैं सभी से विनम्रतापूर्वक शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हर प्रकार की हिंसा से बचें।” 

'एक अद्भुत देश बनाना चाहिए'

यूनुस ने अपने बयान में बांग्लादेश को “संभावनाओं से भरा खूबसूरत देश” भी कहा। उन्होंने कहा, “हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए और इसे अपने लिए और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अद्भुत देश बनाना चाहिए।” इस बीच, पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हाल की हिंसा में पुलिसकर्मियों की मौत कुछ गैर-पेशेवर और अति महत्वाकांक्षी अधिकारियों के कारण हुई, जिन्होंने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया। पुलिस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, नवनियुक्त पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद मोइन उल इस्लाम ने कहा कि कुछ गैर-पेशेवर अधिकारियों ने बल प्रयोग के सिद्धांतों का पालन नहीं किया और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया।

हिंसा के चलते हताहत हुए लोग

‘द डेली स्टार’ अखबार ने उनके हवाले से कहा, “उनके (गैर-पेशेवर अधिकारियों) के कारण हिंसा जारी है और लोग हताहत हुए हैं। ‘प्रथम आलो’ समाचार पोर्टल ने बताया कि अधिकारियों ने बुधवार को रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस (डीएमपी) के शीर्ष पदों में फेरबदल किया। इसने कहा, ‘‘एकेएम शाहिदुर रहमान को आरएबी का महानिदेशक नियुक्त किया गया है, जबकि मोहम्मद मोईन उल हसन ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के आयुक्त के रूप में हबीबुर रहमान का स्थान लेंगे।’’ 

Image Source : apBangladesh Police

खालिदा जिया ने रैली को किया संबोधित

अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद जेल से रिहा हुईं पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने ढाका में अपनी पार्टी की एक विशाल रैली को संबोधित किया, जहां उन्होंने देश के पुनर्निर्माण के लिए शांति की अपील की। जिया (79) को हसीना के शासनकाल में 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष जिया ने कहा, “मुझे अब रिहा कर दिया गया है। मैं उन बहादुर लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं जो असंभव को संभव बनाने के लिए ‘करो या मरो’ के संघर्ष में थे।” उन्होंने कहा, “यह जीत हमारे लिए लूट, भ्रष्टाचार और बीमार राजनीति से पार पाने की नयी संभावना लेकर आई है। हमें इस देश को एक समृद्ध देश बनाने की जरूरत है।” जिया ने कहा, “कोई विनाश नहीं, कोई आक्रोश नहीं और कोई प्रतिशोध नहीं, हमें अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए प्रेम व शांति की जरूरत है।” 

शेख हसीना ने छोड़ा देश

शेख हसीना ने सोमवार को सैन्य विमान से दिल्ली के पास हिंडन वायुसेना अड्डे पर पहुंची थीं। सेना प्रमुख ने स्वीकार किया कि हसीना के सत्ता से हटने के बाद लूटपाट और अराजकता की घटनाएं हुई हैं। देश के कई हिस्सों से हसीना की आवामी लीग पार्टी के कम से कम 29 समर्थकों के शव बरामद हुए, जिससे सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर जुलाई में शुरू हुए प्रदर्शन के हिंसक होने से अब तक मारे गए लागों की संख्या बढ़कर 469 हो गई है। मीडिया में आई खबरों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के ज्यादा मामले सामने आने की बात कही गई। लोकप्रिय लोक बैंड ‘जोलर गान’ के प्रमुख राहुल आनंद के आवास पर बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई, जिससे गायक और उनके परिवार को एक गुप्त स्थान पर शरण लेनी पड़ी। 

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