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Hindi News विदेश एशिया Bangladesh Crisis: रिहा होने के बाद खालिदा जिया ने भरी 'हुंकार', जानिए अपने पहले भाषण में क्या कहा?

Bangladesh Crisis: रिहा होने के बाद खालिदा जिया ने भरी 'हुंकार', जानिए अपने पहले भाषण में क्या कहा?

एक सप्ताह के भीतर बांग्लादेश में सियासी हवा पूरी तरह से बदल गई है। इतने व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए कि शेख हसीना को पद और देश दोनों छोड़ना पड़ा। रिहाई के बाद खालिदा जिया ने लोगों को संबोधित करते हुए बड़ी बातें कही हैं।

Khaleda Zia- India TV Hindi Image Source : REUTERS Khaleda Zia

ढाका: बाांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच अंतरिम सरकार के गठन की प्रकिया शुरू हो चुकी है। इस बीच नजरबंदी से रिहा होने के एक दिन बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने ‘‘असंभव को संभव बनाने के संघर्ष’’ के लिए देशवासियों को धन्यवाद। जिया ने कहा कि देश का पुनर्निर्माण ‘‘क्रोध’’ या ‘‘बदले’’ से नहीं, बल्कि ‘‘प्यार और शांति’’ से होगा। नयापल्टन में बीएनपी की रैली में वीडियो लिंक के माध्यम से दिए गए अपने भाषण में 79 वर्षीय जिया ने शांति की अपील की। 2018 के बाद जिया का यह पहला सार्वजनिक भाषण है।

जिया ने किसे कहा धन्यवाद

‘डेली स्टार’ समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, जिया ने उन लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनके लिए संघर्ष किया तथा कारावास से उनकी रिहाई के लिए प्रार्थना की। जिया ने कहा, ‘‘मुझे अब रिहा कर दिया गया है। मैं उन बहादुर लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने असंभव को संभव बनाने के लिए ‘करो या मरो’ का संघर्ष किया। यह जीत हमें लूट, भ्रष्टाचार और कुशासन के मलबे से बाहर निकलने की नई संभावना देती है। हमें इस देश को समृद्ध बनाने की जरूरत है।’’ 

'प्यार और शांति की है जरूरत'

पूर्व प्रधानमंत्री ने युवाओं के हाथ मजबूत करने का सभी से आग्रह करते हुए कहा, ‘‘युवा हमारा भविष्य हैं। हमें उनके उस सपने को पूरा करने के लिए एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश का निर्माण करने की आवश्यकता है, जिसके लिए उन्होंने अपना खून बहाया है, कोई विनाश नहीं, कोई गुस्सा नहीं और कोई बदला नहीं, हमें अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए प्यार और शांति की आवश्यकता है।’’ 

सुनाई गई थी जेल की सजा

जिया को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल में 2018 में भ्रष्टाचार के लिए 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच हसीना (76) ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं। जिया वर्तमान में विभिन्न बीमारियों का इलाज करा रही हैं। जिया को हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के अपदस्थ होने के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के कार्यकारी आदेश पर रिहा कर दिया गया। जिया दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद थीं। बांग्लादेश में दशकों से जिया और हसीना की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। (भाषा)

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