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Hindi News विदेश एशिया बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी को बड़ा झटका, स्टूडेंट विंग पर लगा बैन; एंटी टेरर कानून के तहत लिया गया एक्शन

बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी को बड़ा झटका, स्टूडेंट विंग पर लगा बैन; एंटी टेरर कानून के तहत लिया गया एक्शन

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने अवामी लीग के स्टूडेंट विंग पर बैन लगा दिया है।

Sheikh Hasina, and Muhammad Yunus- India TV Hindi Image Source : FILE Sheikh Hasina, and Muhammad Yunus

Bangladesh Ban On Chhatra League: बांग्लादेश में एक बार फिर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश में एक बड़ा राजनीतिक फैसला लिया गया है। आतंरिम सरकार ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को बड़ा झटका देते हुए स्टूडेंट विंग 'बांग्लादेश स्टूडेंट लीग' को बैन कर दिया गया है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में काम कर रही अंतरिम सरकार ने इसे लेकर बुधवार को एक गजट जारी कर इसका ऐलान किया। 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत 'स्टूडेंट लीग' पर बैन लगाया है। 

जानें क्या कहा गया?

गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, बांग्लादेश स्टूडेंट लीग को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल पाया गया है। इन गतिविधियों में हत्या, प्रताड़ना, कॉलेज परिसरों में उत्पीड़न, छात्र डॉर्मिटरी में सीट ट्रेडिंग, टेंडर में हेरफेर, दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं।

मारे गए निर्दोष लोग

अधिसूचना में कहा गया है कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि छात्र संगठन अवामी लीग सरकार के पतन के बाद भी राज्य के खिलाफ साजिश और विनाशकारी गतिविधियों में संलग्न रहा है। इसमें कहा गया है कि भेदभाव विरोधी आंदोलन के दौरान, बांग्लादेश स्टूडेंट लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वाले छात्रों और आम जनता पर हथियारों से हमला किया, जिसमें सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गए और कई और लोगों की जान खतरे में पड़ गई। 

बांग्लादेश में हुए प्रदर्शन

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है जब प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आधिकारिक आवास पर धावा बोलने की कोशिश की थी और शेख हसीना के इस्तीफे पर सवाल उठाने वाली टिप्पणी को लेकर उनसे पद छोड़ने की मांग की थी। अवामी लीग को बैन किए जाने के फैसले से बांग्लादेश की राजनीति में बड़े बदलाव की संभावना है। यहां अब अवामी लीग के निशान मिटाए जा रहे हैं। विरोधी इस संगठन पर हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। 

Image Source : apBangladesh Forces

राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा क्या था

यहां यह भी बता दें कि, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पिछले सप्ताह बांग्ला दैनिक ‘मनाब जमीन’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि शेख हसीना ने अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच देश से चले जाने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास बंगभवन पर धावा बोलने की कोशिश की थी और शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। 

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