बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने किया बड़ा खुलासा, बताया अवामी लीग के प्रभावशाली लोगों के साथ क्या किया
तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत में हैं लेकिन उनकी पार्टी आवामी लीग के कई नेता बांग्लादेश में देश में ही हैं। इस बीच बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज़-ज़मां ने बड़ा खुलासा किया किया है।
ढाका: बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मां ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि है कि, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अवामी लीग सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों को आश्रय प्रदान किया गया है ताकि उनको किसी हमले से बचाया जा सके। ‘डेली स्टार’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार राजशाही छावनी में सेना, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात के बाद जनरल जमां ने कहा कि उन लोगों को शरण देते समय उनकी संबंधित पार्टी, मत या धर्म पर कोई गौर नहीं किया गया। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, "यदि उनके खिलाफ कोई आरोप है और कोई मामला दर्ज किया गया है, तो उन्हें दंडित किया जाएगा। लेकिन निश्चित रूप से, हम (उनके खिलाफ) कोई हमला या न्यायेतर कार्रवाई नहीं चाहते। हमने उनकी जान को खतरा होने के कारण आश्रय दिया है।"
एयरपोर्ट से इन्हें किया गया था गिरफ्तार
देखने वाली बात यह भी है कि, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद और पूर्व राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक को पिछले सप्ताह ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। दोनों को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वो प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और अपनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे।
शेख हसीना के खिलाफ हत्या का केस
इस बीच यहां यहभी बता दें कि, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और छह अन्य के खिलाफ पिछले महीने हुई हिंसक झड़पों के दौरान किराने की एक दुकान के मालिक की मौत को लेकर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। नौकरी में आरक्षण की विवादास्पद व्यवस्था को लेकर अपनी अवामी लीग नीत सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद पिछले सप्ताह इस्तीफा देकर भारत आई हसीना (76) के खिलाफ दर्ज किया गया यह पहला मामला है।
रद्द किया गया 15 अगस्त का राष्ट्रीय अवकाश
इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 15 अगस्त का राष्ट्रीय अवकाश रद्द कर दिया है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता एवं देश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या 15 अगस्त को ही की गई थी। बांग्लादेश में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता था। मुख्य सलाहकार कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सलाहकार परिषद की बैठक में 15 अगस्त की छुट्टी रद्द करने को मंजूरी दी गई है। (भाषा)
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