बीजिंग: चीन में कोरोना वायरस से हुई मौत के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार इन पर पर्दा डालने की पूरी कोशिश कर रही है। हालात इस हद तक खराब हैं कि सरकारी विभागों द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत की वजह कोरोना वायरस के बजाय अन्य बीमारियों को बताया जा रहा है। पूर्वी बीजिंग में शुक्रवार को एक शवदाह गृह के बाहर कई लोग कड़ाके की ठंड में खड़े नजर आए। शवदाह गृह के कर्मचारी जब मृतक का नाम पुकारते तो एक रिश्तेदार ताबूत के पास आकर शव की शिनाख्त करता।
पाबंदियों में ढील के बाद मच रही तबाही
मृतकों में से एक शख्स के रिश्तेदार ने बताया कि उनका मरीज कोविड-19 से संक्रमित था। चीन में कोरोना वायरस से कोई मौत न होने की खबर आने के हफ्तों बाद फिर से संक्रमण से मौत होने के मामले बढ़ रहे हैं। ये मामले ऐसे वक्त में बढ़ रहे हैं जब सरकार ने जोरदार विरोध प्रदर्शनों के बीच पिछले महीने कोविड-19 से जुड़ी सख्त पाबंदियों में ढील देना शुरू कर दिया। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि संक्रमण से कितने लोगों की संक्रमण से मौत हो रही है।
नर्सों की कमी से जूझ रहे हैं अस्पताल
एक महिला ने बताया कि उनकी बुजुर्ग रिश्तेदार दिसंबर की शुरुआत में बीमार पड़ी थी और कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गयी थी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार की सुबह एक इमरजेंसी वार्ड में उनकी मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि आपातकालीन वार्ड में कई संक्रमित मरीज भर्ती थे लेकिन उनकी देखभाल के लिए जितनी नर्सें होनी चाहिए, उतनी नहीं थीं। कुछ लोगों ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बावजूद डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह ‘निमोनिया’ बतायी गयी है।
‘रोज जलाई जा रही हैं करीब 150 लाशें’
शवदाह गृह के पास मौजूद दुकानों के 3 कर्मचारियों में से एक ने अनुमान जताया कि रोज करीब 150 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अब इनमें से कितने लोग कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मर रहे हैं, इसका अनुमान लगाना कठिन है। बता दें कि चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में जमकर तबाही मचाई है। चीन ने शुरुआत में इस बीमारी से जुड़ी कई चीजें छिपाई थीं और माना जाता है कि इसी वजह से पूरी दुनिया को इतने बुरे दिन देखने पड़े।
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