आर्मीनिया ने भारत से की पिनाका रॉकेट के लिए बड़ी डील, पाकिस्तान के दोस्त अजरबैजान की बढ़ेगी मुश्किल
आर्मीनिया ने भारत के साथ बड़ी रॉकेट डील की है। इससे आर्मीनिया की आर्मी को 40 से लेकर 70 किमी तक दुश्मन के किसी भी ठिकाने को तबाह करने की ताकत मिल जाएगी।
Armenia and India: मुस्लिम देश और पाकिस्तान के दोस्त अजरबैजान और भारत के दोस्त आर्मीनिया के बीच तनातनी बढ़ गई है। अजरबैजान से बड़े युद्ध के खतरे से जूझ रहे आर्मीनिया ने अपने दोस्त भारत से खतरनाक पिनाका रॉकेट के लिए बड़ी डील की है। इस डील से अजरबैजान की घबराहट बढ़ जाएगी। आर्मीनिया की मीडिया के अनुसार आर्मीनिया की आर्मी भारत से पिनाका का अपडेटेड संस्करण खरीद रही है। इससे आर्मीनिया की आर्मी को 40 से लेकर 70 किमी तक दुश्मन के किसी भी ठिकाने को तबाह करने की ताकत मिल जाएगी। इस डील के साथ ही आर्मीनिया ने यह संकेत दे दिया है कि वह रूस के बनाए ग्रैड बीएम 21 सिस्टम से दूरी बनाने जा रहा है। भारत का पिनाका रॉकेट सिस्टम रूसी सिस्टम से बहुत आगे है और नवीनतम तकनीक से लैस है।
जानिए पिनाका रॉकेट सिस्टम की खासियत
एक पिनाका रॉकेट सिस्टम में 6 रॉकेट लॉन्चर होते हैं। साथ ही लोडर व्हीकल भी होते हैं जो तेजी से रॉकेट को दोबारा लोड करके हमले के लिए प्रिपेयर कर देते हैं। इसके अलावा एक फायर कंट्रोल सिस्टम और मौसम की जानकारी देने वाला रडार भी होता है। इस डील का खुलासा उस समय हुआ, जब एक ताजा वीडियो में पिनाका रॉकेट के फैक्टरी में कई पॉड दिखाए दिए। विशेषज्ञों के मुताबिक ये पॉड इस बात के संकेत हैं कि पिनाका को अब आर्मीनिया को निर्यात करने की तैयारी चल रही है। पिनाका को भारत की कई रक्षा कंपनियों ने मिलकर बनाया है। जानकारी के अनुसार पांच हजार पिनाका रॉकेट सिस्टम बनाने की तैयारी है।
आर्मीनिया ने भारत से खरीदा था एंटी ड्रोन सिस्टम
भारत लगातार आर्मीनिया की सेना को हथियारों से सुसज्जित कर रहा है। इससे पहले तुर्की अकिंसी ड्रोन अजरबैजान ने बहुत चुपके से इसे खरीदा था। वहीं साल 2022 में नगर्नो कराबाख की लड़ाई के दौरान अजरबैजान ने तुर्की टीबी-2 ड्रोन का जमकर इस्तेमाल किया था। इससे आर्मीनिया की हार हो गई थी। इसी बीच आर्मीनिया ने भी अजरबैजान से निपटने के लिए भारत से ड्रोन किलर सिस्टम खरीदा है।
यूरोएशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आर्मीनिया ने भारत में बने जेन एंटी ड्रोन सिस्टम को खरीदा। भारतीय वायुसेना ने भी साल 2021 में इस एंटी ड्रोन सिस्टम को खरीदा था। 2 अरब रुपये में इंडियन एयरफोर्स ने इस सिस्टम को खरीदा है। इसे मार्च 2024 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा।