India Maldives: पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देने के बाद मालदीव सरकार ने अपने तीन मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। इस मामले में भारत ने नई दिल्ली में मालदीव के उच्चायुक्त को तलब करके अपना विरोध जताया। इसके बदले में मालदीव ने भी भारतीय उच्चायुक्त को राजधानी माले में समन देकर बुलाया। जानिए भारत के बारे में मालदीव ने भारतीय उच्चायुक्त को बुलकार क्या कहा?
मंत्रियों के बयान मालदीव का रुख नहीं जताते
मालदीव की सरकार ने सोमवार को भारतीय उच्चायुक्त मुनु मुहावर को सूचित किया कि उसके निलंबित किये जा चुके तीन उप मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान सरकार के रुख को प्रदर्शित नहीं करते। भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया कि विदेश मंत्रालय में ‘अंबेसेडर एट-लार्ज’ डॉ अली नसीर मोहम्मद के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारतीय उच्चायुक्त की बैठक आज निर्धारित थी।
मालदीव अपने पड़ोसियों का करता है समर्थन
‘द सन ऑनलाइन’ की खबर के अनुसार मालदीव के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि बैठक में नसीर ने स्पष्ट किया कि उप मंत्रियों के बयान मालदीव की सरकार का रुख नहीं प्रदर्शित करते। उन्होंने अपने पड़ोसियों के लिए मालदीव का सतत समर्थन दोहराया। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार को विदेशी नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर ‘अपमानजनक बयानों’ की जानकारी है और ये निजी राय उसके रुख को प्रदर्शित नहीं करते।
भारत ने मालदीव के उच्चायुक्त को किया था तलब
इससे पहले भारत ने सोमवार को मालदीव के दूत इब्राहिम शहीब को तलब किया और मालदीव के कुछ मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर डाले गए बयानों को लेकर चिंता प्रकट की थी। मालदीव के तीन उप मंत्रियों - मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद ने प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद ‘एक्स’ पर उनकी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि नयी दिल्ली इस केंद्र शासित प्रदेश को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है। भारत में सोशल मीडिया पर विवाद शुरू होने के बाद रविवार को तीनों को निलंबित कर दिया गया। नयी दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि माले में भारतीय उच्चायोग ने रविवार को मालदीव के विदेश मंत्रालय के साथ मामले को पुरजोर तरीके से उठाया।
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