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उत्तर कोरिया की सीमा में हथियार सहित घुस गया था अमेरिकी सैनिक, किम जोंग के देश ने लिया ये बड़ा फैसला

जुलाई के महीने में उत्तर कोरिया की सीमा में हथियार सहित एक अमेरिकी सैनिक घुस गया था। इस खबर पर दुनियाभर में चर्चा हुई थी। उत्तर कोरिया ने इस अमेरिकी सैनिक से गहन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उस सैनिक ने जानिए क्या बातें बताईं। अब उत्तर कोरिया ने इस सैनिक को लेकर ये अहम फैसला किया है।

उत्तर कोरिया की सीमा में हथियार सहित घुस गया था अमेरिकी सैनिक- India TV Hindi Image Source : FILE उत्तर कोरिया की सीमा में हथियार सहित घुस गया था अमेरिकी सैनिक

North Korea News: उत्तर कोरिया की सीमा में एक अमेरिकी सैनिक हथियार सहित घुस आया था। इसके बाद से ही वह उत्तर कोरिया में ही है। अब उत्तर कोरिया ने इस हथियार के साथ जुलाई के महीने में सीमा में घुस आए अमेरिकी सैनिक को लेकर बड़ा फैसला किया है। उत्तर कोरिया ने देश की सीमा में घुसे अमेरिकी सैनिक को रिहा करने का निर्णय लिया है। 

अमेरिकी सैनिक से पूरी हो गई पूछताछ

उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने जुलाई में भारी हथियारों से लैस अंतर-कोरियाई सीमा से देश में प्रवेश करने वाले एक अमेरिकी सैनिक को रिहा करने का फैसला किया है। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने बुधवार को बताया कि अधिकारियों ने पकड़े गए अमेरिकी सैनिक ट्राविस किंग से पूछताछ पूरी कर ली है। पूछताछ में इस सैनिक ने दावा किया और ये स्वीकार किया है कि उसने अवैध रूप से उत्तर कोरिया में प्रवेश किया। क्योंकि वह अमेरिकी सेना के भीतर ‘अमानवीय दुर्व्यवहार और नस्लीय भेदभाव के खिलाफ था।’ यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सैनिक को कब रिहा किया जाएगा। 

दरअसल, जुलाई के महीने में एक अमेरिकन सैनिक अमेरिका से मोहभंग होने के बाद उत्तर कोरिया पहुंच गया था। इस संबंध में उत्तर कोरिया ने बताया था कि पिछले महीने भारी सुरक्षा व्यवस्था वाली सीमा को पार कर उत्तर कोरिया में प्रवेश करने वाले अमेरिकी सैनिक ने अपने देश के समाज की असमानता और उसकी सेना में नस्ली भेदभाव से निराश होकर ऐसा किया था। 

18 जुलाई को किया था उत्तर कोरिया की सीमा में प्रवेश

दक्षिण कोरिया में तैनात ट्रैविस किंग 18 जुलाई को एक सीमावर्ती गांव के दौरे के दौरान उत्तर कोरिया में घुस गए थे। वह लगभग पांच वर्षों में उत्तर कोरिया में हिरासत में लिए जाने वाले पहले अमेरिकी बन गए। आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने संबंधित उत्तर कोरियाई अधिकारियों की जांच का हवाला देते हुए बताया था कि किंग ने उन्हें बताया कि उन्होंने उत्तर कोरिया में प्रवेश करने का फैसला किया क्योंकि ‘उनके मन में अमेरिकी सेना के भीतर अमानवीय दुर्व्यवहार और नस्ली भेदभाव के विरुद्ध भावनाएं थीं।'

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