Cope India Exercise: भारत में अमेरिका का बी-1बी लांसर सुपरसोनिक बॉम्बर्स आ चुका है। यह सुपरसोनिक बॉम्बर्स ताबड़तोड़ तरीके से बम बरसाकर दुश्मनो के ठिकाने को बर्बाद करने में माहिर है। भारत आए इस अमेरिकी ‘बाहुबली‘ बमवर्षक की धमक से चीन के होश उड़ गए हैं। ये बॉम्बर्स चीन के कोप इंडिया एक्सरसाइज में हिस्सा लेने आए हैं। इस अभ्यास में अमेरिका और भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट हिस्सा लेंगे। यह अभ्यास 24 अप्रैल तक जारी रहेगा।
चीन और भारत की सीमा यानी एलएसी से मात्र 700 किलोमीटर दूर ये अमेरिकी बॉम्बर बेंगलुरू में उतरे हैं। यह हवाई अभ्यास पश्चिमी बंगाल के कलाई कुंडा एयरफोर्स स्टेशन पर किया जा रहा है, जो चीन की सीमा के बेहद करीब है। यह इलाका भूटान और बांग्लादेश से सटा हुआ है। ऐसे में इस विनाश करने वाले बमवर्षक के भारत पहुंचने पर चीन के होश उड़ गए हैं और चीनी मामलों के विश्लेषक मोदी सरकार की विदेश नीति की तारीफ करने लगे हैं।
अमेरिकी ‘बाहुबली‘ बमवर्षक की चीनी विश्लेषकों ने बताई ताकत
साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने विश्लेषकों के हवाले से कहा कि यह बॉम्बर दर्शाता है कि अमेरिका चाहता है कि भारत चीन के खिलाफ और ज्यादा सख्त रुख अपनाए। चीनी विश्लेषकों ने कहा कि भारत इसके बाद भी चीन के साथ संतुलित रिश्ते बनाए रख सकता है। चीनी सेना के पूर्व इंस्ट्रक्टर सोंग झोनपिंग ने कहा कि बी-1बी बॉम्बर एक रणनीतिक बॉम्बर है। अत्यधिक मेंटेनेंस की वजह से यह भले ही अभ्यास में बहुत कम शामिल होता हो लेकिन यह एक ज्यादा ताकतवर और लंबी दूरी तक मार करने वाला बॉम्बर है। इसमें दुश्मन के डिफेंस जोन के बाहर से हमला करने की क्षमता है।‘
जानिए चीनी विश्लेषकों ने क्या कहा?
चीनी विश्लेषकों ने ‘क्वाड‘ में भारत और अमेरिका के बीच समन्वय पर कहा कि ‘क्वाड‘ में होने के बावजूद भारत एक संतुलित विदेश नीति को अपना रहा है। इसी बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साथ लद्दाख तनाव के दौरान अमेरिका ने भारत की सैटलाइट तस्वीरों से मदद की थी। चीन के शंघाई शहर के फूदान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झांग जिआदोंग ने कहा कि चीन और भारत दोनों ही प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों ही देशों की महान शक्ति बनने की इच्छा है और दोनों देशों के यहां व्याप्त भावनाएं बहुत सख्त और समझौता नहीं करने की ओर बढ़ रही हैं।
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