शंघाई: अमेरिका और रूस के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। अमेरिका और उसके सहयोगी यूरोपीय देश यूक्रेन की हर तरह से मदद कर रहे हैं जिसे लेकर रूस चेतावनी भी दे चुका है। इस बीच बीजिंग में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स ने कहा कि यूक्रेन पर हमले में चीन द्वारा रूस को मिसाइल तथा अन्य हथियारों के रूप में तकनीकी मदद देना ‘एक बड़ी गलती’’ है। चीन के वित्तीय केंद्र शंघाई में दिए गए भाषण में बर्न्स ने यह भी कहा कि रूस का हमला तीसरे साल में प्रवेश कर गया है और यह यूरोप में ‘‘अस्तित्व का संकट’’ बन गया है।
चीन निष्पक्ष नहीं है
अमेरिकी राजदूत बर्न्स ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस भयानक युद्ध के लिए रूस रक्षा औद्योगिक आधार को सुदृढ़ और मजबूत करने के लिए हजारों की संख्या में चीनी कंपनियों को रूस को इतने सारे घटक, प्रौद्योगिकी घटक, माइक्रोप्रोसेसर (और) नाइट्रोसेल्यूलोज भेजने की अनुमति देना एक बड़ी गलती है।’’ उन्होंने कहा कि चीन "निष्पक्ष नहीं है, बल्कि इस युद्ध में उसने प्रभावी रूप से रूस का पक्ष लिया है।"
चीन ने नहीं दी प्रतिक्रिया
निकोलस बर्न्स ने कहा कि यह निर्णय चीन के लंबे समय से "संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता" पर बल देने के सिद्धांत का खंडन करता है। चीन रूस को प्रत्यक्ष सैन्य सहायता प्रदान नहीं करने की बात पर जोर देता है, लेकिन पूरे संघर्ष के दौरान उसने मजबूत व्यापारिक संबंध बनाए रखे हैं। साथ ही रूसी नेता व्लादीमिर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग के बीच मुलाकात भी होती रहती हैं। बर्न्स की टिप्पणी पर चीन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। चीन-अमेरिका संबंधों पर एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की गई। (भाषा)
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