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अमेरिका के इस कदम से बढ़ जाएगी ईरान की टेंशन, निकलेगा इजराइल के दुश्मनों का दम

अमेरिका ने इजराइल की मदद के लिए घातक लड़ाकू विमानों को पश्चिम एशिया के एक सैन्य अड्डे पर भेजा है। अमेरिका का कहना है कि ईरान और उसके सहयोगी हमास और हिजबुल्ला से खतरों को देखते हुए सुरक्षा को मजबूत किया गया है।

US Fighter Jets - India TV Hindi Image Source : FILE AP US Fighter Jets

वाशिंगटन: अमेरिका के यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट विमानवाहक पोत से करीब 12 एफ/ए-18 लड़ाकू विमान पश्चिम एशिया के एक सैन्य अड्डे पर भेजे गए हैं। यह कदम ईरान और उसके सहयोगियों के संभावित हमलों से इजराइल तथा अमेरिकी सैनिकों की रक्षा करने के पेंटागन के प्रयासों का हिस्सा है। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि 12 एफ/ए-18 लड़ाकू विमानों और एक ई-2डी हॉकआई टोही विमान ने ओमान की खाड़ी में अमेरिकी जहाज से उड़ान भरी और वो सोमवार को एक अज्ञात सैन्य अड्डे पर पहुंचे। 

कब तक तैनात रहेंगे विमान?

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लड़ाकू विमान सैन्य अड्डे पर कब तक रहेंगे। इन विमानों की तैनाती ऐसे वक्त में की गई है, जब अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को इराक में एक सैन्य अड्डे पर हुए रॉकेट हमले के बारे में और जानकारियां साझा की हैं। इस हमले में पांच अमेरिकी सैनिक और दो अन्य कर्मचारी घायल हो गए थे। 

सैन्य मौजूदगी बढ़ाने का आदेश

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने क्षेत्र में सैन्य मौजूदगी बढ़ाने का आदेश दिया है। अधिकारी लेबनान में हिजबुल्ला के एक टॉप कमांडर और ईरान में हमास के चीफ की पिछले सप्ताह हुई हत्या के मद्देनजर पश्चिम एशिया में हिंसा बढ़ने की आशंका को लेकर चिंतित हैं। इन हत्याओं का शक इजराइल पर है। हिजबुल्ला और हमास को ईरान से समर्थन हासिल है। 

अमेरिकी सेना के ठिकानों पर बढ़े हैं हमले

अधिकारियों ने बताया कि घायलों में से पांच का अल-असद हवाई अड्डे पर उपचार किया जा रहा है, जबकि दो अन्य को कहीं और ले जाया गया है, लेकिन सभी सात घायलों की हालत स्थिर है। हाल के सप्ताहों में ईरान समर्थित इराकी मिलीशिया ने इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना के ठिकानों पर हमले फिर से शुरू कर दिए हैं। जनवरी के अंत में जॉर्डन में एक सैन्य अड्डे पर हमला किया गया था, जिसमें तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद अमेरिका ने भी जवाबी कार्रवाई की थी। (एपी)

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