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अमेरिका ने कहा- विश्व की मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए भारत का साथ जरूरी, ये चीन की तानाशाही को भी खत्म कर देगा

युद्ध, महामारी, महंगाई एवं खाद्य और ऊर्जा संकट से जब दुनिया त्राहिमाम कर रही है तो ऐसे वक्त में भारत न सिर्फ खुद को मजबूती दे रहा है, बल्कि सबकी मुश्किलों का मददगार भी बनकर खड़ा है। अफगानिस्तान में जब तालिबानियों ने मानवता के लिए खतरा पैदा किया तो भी भारत ने मानवीय मदद के लिए अनाजों की बड़े खेप अफगानियों के लिए भेजी।

जो बाइडन, अमेरिका के राष्ट्रपति- India TV Hindi Image Source : AP जो बाइडन, अमेरिका के राष्ट्रपति

नई दिल्ली। युद्ध, महामारी, महंगाई एवं खाद्य और ऊर्जा संकट से जब दुनिया त्राहिमाम कर रही है तो ऐसे वक्त में भारत न सिर्फ खुद को मजबूती दे रहा है, बल्कि सबकी मुश्किलों का मददगार भी बनकर खड़ा है। अफगानिस्तान में जब तालिबानियों ने मानवता के लिए खतरा पैदा किया तो भी भारत ने मानवीय मदद के लिए अनाजों की बड़े खेप अफगानियों के लिए भेजी। इसी तरह यूक्रेन युद्ध में भी मानवता की बढ़चढ़ कर मदद की। श्रीलंका में आर्थिक मंदी ने तबाही मचाई तो भारत ही मददगार बना और जब तुर्की व सीरिया में भूकंप की त्रासदी ने सबकुछ तहस नहस कर दिया तो हिंदुस्तान ही मानवता की रक्षा के लिए सबसे आगे खड़ा दिखा। वैश्विक आर्थिक मंदी, युद्ध और महामारी की चुनौतियों के बीच भी हिंदुस्तान दुनिया की सबसे बड़ी 5वीं अर्थव्यवस्था बन बैठा। इसीलिए अब अमेरिका भी भारत का मुरीद हो गया है।

दुनिया की हालत सुधारने के लिए हिंदुस्तान है मजबूत पिलर
विश्व बैंक से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) तक ने जब कह दिया कि वर्ष 2023 दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे क्रूशियल समय है।  सिर्फ भारत ही विश्व को डूबने से बचा सकता है तो अब अमेरिका ने भी इस बात को न सिर्फ माना है, बल्कि खुले मंच से कहा है कि विश्व की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत का साथ जरूरी है। अमेरिका के वरिष्ठ सांसद चक शूमर ने भारत को दुनिया की अग्रणी शक्तियों में से एक बताया है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र को मजबूती देने, प्रौद्योगिकी की प्रगति और दमदमार वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अमेरिका को भारत का साथ चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच मजबूत संबंध दुनिया को नया आयाम देंगे। 

चीन की तानाशाही को भारत खत्म कर देगा
अमेरिका ने यह भी माना है कि जिस तरह से चीन दक्षिण चीन सागर से लेकर, हिंद-प्रशांत सागर और अपनी सीमा से लगे देशों के साथ तानाशाही दिखा रहा है, उसे भारत एक दिन खत्म कर देगा। अमेरिका को चीन की बढ़ती बादशाहत से दुनिया के लोकतंत्र को खतरा दिख रहा है। अमेरिका मानता है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और मजबूत लोकतंत्र है। इसलिए मानवता के भले के लिए भारत का मजबूत होना जरूरी है और इसके लिए अमेरिका भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है। अमेरिका ने कहा कि चीन की तानाशाही को खत्म करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध ही आधार बनेंगे। भारत ही एक ऐसा देश है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था भी मात खा सकती है। 

पीएम मोदी से मिले अमेरिकी सांसद
अमेरिका का एक उच्चाधिकार प्राप्त संसदीय प्रतिनिधि मंडल इस वक्त भारत आया है। अमेरिका सांसद चक शूमर उसका नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की। भारत की ओर से इस प्रतिनिधि मंडल का जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि चीन को पिछाड़ने के लिए भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध अहम साबित होंगे। शूमर ने कहा कि हमें एशिया और दुनिया भर में लोकतंत्र को मजबूत बनाना है। हमारे इस मकसद को भारत जैसा दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र ही सार्थक बना सकता है। इसलिए अमेरिका को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को भारत का साथ चाहिए। ताकि विश्व में लोकतंत्र की स्थापना की जा सके। अमेरिका सांसदों ने पीएम मोदी के साथ देर तक द्विपक्षीय आर्थिक, सामरिक और रणनीतिक सहयोग पर चर्चा की।  

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