Hijab Controversy in Iran: ईरान में महीनों से हिजाब के खिलाफ महिलाओं और पुरुषों का विरोध प्रदर्शन जारी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अब तक इस विरोध प्रदर्शन में हुई पुलिस से हिंसक झड़प में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार 41 लोगों की ही मौत होना बताया जा रहगा है। हिजाब हिंसा में लगातार बढ़ रही मौतों के बाद अब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने मंगलवार को राष्ट्रीय एकता की अपील की है।
ईरान के राष्ट्रपति ने लोगों से देश के शासकों के खिलाफ आक्रोश को शांत करने की कोशिश में यह अपली की। पिछले कुछ हफ्तों से हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और यह विश्वविद्यालयों तथा उच्च विद्यालयों में फैलता जा रहा है। रईसी ने स्वीकार किया कि इस्लामिक रिपब्लिक की ‘‘कमजोरियां और खामियां’’ हैं, लेकिन उन्होंने यह बात दोहराई कि प्रदर्शन के ईरान के दुश्मनों की साजिश होने जैसा कुछ नहीं है। पिछले महीने देश में पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय एक महिला की मौत होने के बाद प्रदर्शन शुरू हुए थे। राष्ट्रपति ने संसद के सत्र में कहा, ‘‘आज देश का संकल्प लोगों की समस्याओं को घटाने में सहयोग करने के प्रति लक्षित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एकता और राष्ट्रीय अखंडता हमारे दुश्मनों की उम्मीदों पर पानी फेर देगी।’’ ईरान के सरकारी टेलीविजन की खबरों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों में कम से कम 41 लोग मारे गये हैं, जबकि मानवाधिकार समूहों ने यह संख्या कहीं अधिक होने का दावा किया है।
ईरान में बुर्का और हिजाब अनिवार्य
ईरान में महिलाओं के लिए बुर्का और हिजाब पहनकर सार्वजनिक रूप से बाहर निकलना अनिवार्य है। इसमें भी हिजाब से उनके बाल पूरी तरह ढके होने चाहिए। कई ईरानी महिलाओं ने, विशेष रूप से प्रमुख शहरों में, लंबे समय से अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर विरोध का रुख रखा है, जिसमें युवा पीढ़ी ढीले स्कार्फ और पोशाक पहन कर रूढ़िवादी पोशाक के दायरे को चुनौती देती हैं। हालांकि सभी के लिए इसका अंत सुखद नहीं होता। राजधानी तेहरान में 22 वर्षीय महसा अमीनी को पुलिस ने हिजाब विरोधी रुख के चलते गिरफ्तार किया था और हिरासत में उसकी मौत हो गई थी।
अमीनी की मौत के बाद लगभग दो सप्ताह तक व्यापक अशांति रही और यह ईरान के अन्य प्रांतों में फैल गई है और छात्रों, मध्यम वर्ग के पेशेवरों और कामकाजी वर्ग के पुरुषों और महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर इसका विरोध किया।
ईरान का हिजाब कानून क्या है?
इस्लामी क्रांति (1978-79) के बाद ईरान ने 1981 में एक अनिवार्य हिजाब कानून पारित किया था। इस्लामी दंड संहिता के अनुच्छेद 638 में कहा गया है कि महिलाओं का सार्वजनिक रूप से या सड़कों पर हिजाब के बिना दिखाई देना अपराध है। द गार्जियन ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि ईरानी अधिकारी उन महिलाओं की पहचान करने के लिए सार्वजनिक परिवहन में फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, जो हिजाब नियमों का ठीक से पालन नहीं कर रही हैं।
इसी साल जुलाई में नेशनल हिजाब और चैसटिटी डे (राष्ट्रीय हिजाब और शुद्धता दिवस) पर ईरान में व्यापक विरोध देखा गया, जहां महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से अपने हिजाब को हटाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था। कई लोगों ने सार्वजनिक परिवहन में हिजाब नहीं पहनने की तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए थे।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने जुलाई में ईरान के हिजाब और शुद्धता कानून को नए प्रतिबंधों के साथ लागू करने के लिए एक आदेश पारित किया था। सरकार ने 'अनुचित तरीके से हिजाब' पहनने जैसे मामलों को रोकने के लिए हाई हील्स और मोजा पहनने के खिलाफ भी आदेश जारी किया। इस आदेश में महिलाओं के लिए अपनी गर्दन और कंधों को ढंकना अनिवार्य कर दिया गया।
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