पाकिस्तान के साथ जंग के खतरे और मध्य-पूर्व में फैले व्यापक तनाव के बीच ईरान ने सफलतापूर्वक एक उपग्रह का प्रक्षेपण करके सबको हैरान कर दिया है। विशेषज्ञों को आशंका है कि ईरान का ये कदम परमाणु मिसाइल बनाने के खतरे की आशंका को बढ़ा रहा है। ईरान ने शनिवार को कहा कि उसने सफलतापूर्वक एक उपग्रह का प्रक्षेपण करके इसे अब तक कि सबसे ऊंची कक्षा में स्थापित किया है। यह उस कार्यक्रम का हिस्सा है जिसे लेकर पश्चिम देशों ने तेहरान की ओर से उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल बनाए जाने की आशंका जतायी है।
ईरान की यह घोषणा ऐसे समय में आई है, जब गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल के हमले जारी हैं तथा हाल में ईरान और पाकिस्तान द्वारा एक-दूसरे के देशों में हवाई हमले किए गए हैं। इन घटनाक्रम से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ रहा है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘आईआरएनए’ ने कहा कि सोराया उपग्रह को तीन चरणों वाले रॉकेट के साथ पृथ्वी की सतह से लगभग 750 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया गया। हालांकि, उपग्रह का उपयोग किस क्षेत्र के लिए है, इस बारे में तत्काल कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
अमेरिका ने किया ईरान के प्रक्षेपण का विरोध
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्रक्षेपण ईरान के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम के साथ-साथ ईरान के ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड्स’ के अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा है। अमेरिका ने पूर्व में कहा है कि ईरान की ओर से उपग्रह का प्रक्षेपण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन है और इसने तेहरान से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं करने के लिए कहा है। ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से संबंधित संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध पिछले अक्टूबर में समाप्त हो गया था। (एपी)
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