A
Hindi News विदेश एशिया भारत तो है ही ताकतवर, पर अब नेपाल जैसे छोटे देश ने भी चीन को दे दिया जोर का झटका

भारत तो है ही ताकतवर, पर अब नेपाल जैसे छोटे देश ने भी चीन को दे दिया जोर का झटका

नेपाल ने भी भारत की राह पर चलकर चीन को बड़ा झटका दिया है। नेपाल ने भी टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रचंड कैबिनेट की बैठकमें बैन लगाने का फैसला किया गया।

नेपाल के पीएम प्रचंड और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग- India TV Hindi Image Source : FILE नेपाल के पीएम प्रचंड और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग

Nepal TikTok Ban: भारत की मोदी सरकार के बाद नेपाल की पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' सरकार ने चीन को जोरदार झटका देते हुए बड़ा कदम उठाया है। नेपाल के संचार मंत्री ने सोमवार को कहा कि कैबिनेट की बैठक में नेपाल सरकार ने टिकटॉक पर बैन लगाने का फैसला किया है। इससे पहले भी भारत समेत कई देश सुरक्षा कारणों से टिकटॉक पर बैन लगा चुके हैं। नेपाल का यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब नेपाल और चीन के बीच रणनीतिक नजदीकियां बढ़ रही हैं। 

सोमवार को हुई नेपाली कैबिनेट की बैठक में सामाजिक सद्भाव पर इसके नकारात्मक प्रभावों का हवाला देते हुए चीनी स्वामित्व वाले ऐप पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। हालांकि, यह निर्णय कब से लागू होगा इसकी अभी जानकारी नहीं है। नेपाल सरकार ने कहा कि हालांकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बुनियादी अधिकार है, लेकिन समाज के एक बड़े वर्ग में नफरत फैलाने वाले भाषण की बढ़ती प्रवृति को बढ़ावा देने के लिए टिकटॉक की आलोचना की है। पिछले चार वर्षों में नेपाल में टिकटॉक पर साइबर अपराध के 1647 मामले सामने आए हैं।

पहले से ही टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की फिराक में था नेपाल

नेपाल पुलिस के साइबर ब्यूरो, गृह मंत्रालय और टिकटॉक के प्रतिनिधियों ने पिछले सप्ताह की शुरुआत में इस मुद्दे पर चर्चा की। तकनीकी तैयारी पूरी होने के बाद सोमवार का निर्णय लागू होने की उम्मीद है। नेपाल सरकार का यह फैसला 'सोशल नेटवर्किंग के संचालन पर निर्देश 2023' पेश किए जाने के कुछ दिनों के भीतर आया है। नए नियम के अनुसार, नेपाल में सक्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को देश में अपने कार्यालय स्थापित करने होंगे।

संपर्क कार्यालय खोलना किया अनिवार्य

गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), टिकटॉक और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइटों के लिए नेपाल में अपने संपर्क कार्यालय खोलना अनिवार्य कर दिया गया था। सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि यह उपाय उन लोगों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पेश किया गया है जो शिकायत कर रहे हैं कि नेपाल में कंपनियों के प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति के कारण अधिकारियों के लिए अपने उपयोगकर्ताओं की चिंताओं को दूर करना मुश्किल हो गया है।

Latest World News