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BRI के बाद अब चीन ने शुरू किया नया खेल, मध्य एशियाई देशों में इस बहाने पहुंचाना चाह रहा अपनी रेल

मध्य एशिया के कई देशों में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजना शुरू करके कई राष्ट्रों को कंगाल बनाने और रणनीतिक रूप से दुश्मनों को घेरने वाले शातिर चीन ने अब एक और नई चाल चली है। दरअसल चीन अब मध्य एशियाई देशों में अपनी रणनीतिक पकड़ और मजबूत करने के इरादे से चीनी रेलवे नेटवर्क का जाल बिछाना चाहता है।

चीनी रेलवे- India TV Hindi Image Source : AP चीनी रेलवे

मध्य एशिया के कई देशों में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजना शुरू करके कई राष्ट्रों को कंगाल बनाने और रणनीतिक रूप से दुश्मनों को घेरने वाले शातिर चीन ने अब एक और नई चाल चली है। दरअसल चीन अब मध्य एशियाई देशों में अपनी रणनीतिक पकड़ और मजबूत करने के इरादे से चीनी रेलवे नेटवर्क का जाल बिछाना चाहता है। इसके लिए चीन व्यापार बढ़ाने का बहाना कर रहा है। ताकि वह कुछ मध्य एशियाई देशों को लालच के जाल में फंसाकर अपना असल मकसद पूरा कर सके और पूरे विश्व की जासूसी कर सके। चीन की इस साजिश ने फिर से विश्व के लोकतांत्रिक देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को एक बैठक में मध्य एशिया के साथ अधिक रेलवे और अन्य व्यापार संपर्क बनाने का वादा किया। इसके साथ ही उन्होंने मध्य एशिया में तेल और गैस स्रोतों को संयुक्त रूप से विकसित करने का प्रस्ताव भी दिया। उन्होंने पश्चिमी शहर शीआन में दो दिवसीय चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान यह बता कही। यह बैठक चीन पर केंद्रित व्यापार और सुरक्षा तंत्र को विकसित करने के बीजिंग के प्रयासों को दर्शाती है, जो वैश्विक मामलों में अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती दे रहा है। उल्लेखनीय है कि यह बैठक ऐसे वक्त में हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सहित जी7 अर्थव्यवस्थाओं के नेता जापान में मिल रहे थे। शी ने कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, ''हमें आर्थिक और व्यापार संबंधों का विस्तार करने की जरूरत है।'' चीन मध्य एशिया में आर्थिक पैठ बना रहा है, जिसमें रेलवे और अन्य व्यापार संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 'बेल्ट एंड रोड' पहल शामिल है।

चीन की रणनीति भारत पर दबाव बनाने की

मध्य एशियाई देशों को चीनी रेलवे नेटवर्क का झांसा  देकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें तेज व्यापार का सपना दिखाना शुरू किया है। इससे पहले वह बीआरआइ के जरिये श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान जैसे देशों को बीआरआइ के सपने दिखाकर उन्हें कर्ज के महाजाल में फंसा चुके हैं। शी जिनपिंग ने मध्य एशिया में अपनी धाक जमाने के लिए यह नया खेल खेला है। बीआरआइ और रेलवे नेटवर्क के जरिये चीन अपनी रणनीतिक और सामरिक स्थिति को मजबूत करना चाहता है। ताकि वह भारत की चौतरफा घेराबंदी कर सके और उस पर दबाव बना सके। यही वजह है कि भारत चीन की बीआरआइ समेत ऐसी सभी परियोजनाओं की खिलाफत करता रहा है।

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