अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार एक बार फिर से चर्चा में है। तालिबान और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट्स खोरासन (IS-K) के बीच तनातनी और बढ़ गई है। खबर है कि काबुल के बाग्रामी इलाके में तालिबान ने IS-K के कमांडर को मार गिराया है। इसके अलावा तालिबान ने कमांडर के एक साथी को गिरफ्तार भी किया है।
तालिबानी फोर्स IS-K के आतंकी ठिकानों को खत्म करने के लिए सर्च ऑपरेशन चला रहा है। दरअसल, 2014 से ही अफगानिस्तान में हो रही आतंकी गतिविधियों में सक्रिय है। आपको बता दें कि तालिबान सरकार IS-K को अपने लिए एक बड़े खतरे के रूप देखती है।
अगर बंद नहीं हुए हमले तो जारी रहेगी कार्रवाई - तालिबान
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने IS-K के कमांडर के मारे जाने की जानकारी दी है। प्रवक्ता के मुताबिक, ऑपरेशन में उसे मार गिराया गया, जबकि उसके साथी को पकड़ लिया गया है। आतंकी संगठन का मारा गया यह कमांडर अपने साथियों के साथ मिलकर कई मस्जिदों और बौद्ध मठ को तबाह कर चुका है। तालिबान ने सीधे तौर पर कहा है कि अगर हमले बंद नहीं हुए तो आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी।
क्यों आमने सामने हैं IS-K और तालिबान?
IS-K और तालिबान की दुश्मनी इस्लामिक स्टेट्स संगठन के अफगानिस्तान में सक्रिय होने के बाद बढ़ गई। इन दोनों के बीच विचारधारा की लड़ाई है, जिसमें IS-K और तालिबान एक दूसरे के खिलाफ हैं। इस्लामिक स्टेट्स अपनी विचारधारा के चलते तालिबान शासन को झुकाने की कोशिश कर रहा है। वहीं, तालिबान शासन पलटवार करते हुए आतंकी संगठन को तोड़ना चाहता है।
एक महीने पहले हुए बम धमाकों में भी IS-K का हाथ
गौरतलब है कि मई महीने में बल्ख इलाके में हुए बम धमाके की जिम्मेदारी IS-K ने ली थी। इस हमले में 9 लोग मारे गए थे, जबकि 15 लोग घायल हुए थे। वहीं, IS-K ने काबुल के हजरत जाकरिया मस्जिद में एक और बम धमाका किया था। इसमें 5 लोगों की जान चली गई। 17 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
2 साल में ISIS के 450 से ज्यादा हमले
इस्लामिक स्टेट्स (ISIS) की एक ग्लोबल रिसर्च बताती है कि ISIS ने बीते दो सालों में 450 से ज्यादा हमले किए हैं। साल 2021 में 365 आतंकी हमले किए। इसमें 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि साल 2020 में 82 हमले किए। ISIS ने 2021 में सबसे बड़ा हमला किया था। एयरपोर्ट पर हुए इस हमले में 170 अफगानी मारे गए थे। जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों की भी मौत हुई थी।
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