Kabul Blast: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को एक मस्जिद के पास विस्फोट हुआ। विस्फोट में कई लोग हताहत हुए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी। शहर के राजनयिक क्षेत्र में इस विस्फोट के बाद आसमान में काला धुंआ छा गया और इस दौरान कई मिनट तक गोलियों की तड़तड़ाहट सुनी गयी। काबुल पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता खालिद जदरान ने इस बात की पुष्टि की कि इस धमाके में लोग हताहत हुए लेकिन उन्होंने इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया कि कितने लोगों की जान चली गयी और कितने घायल हुए। गृहमंत्री के प्रवक्ता अब्दुल नाफी टाकोर ने कहा कि मस्जिद के पास मुख्य रोड पर यह विस्फोट हुआ। उन्होंने कहा कि विस्फोट की वजह को लेकर जांच की जा रही है। टाकोर ने कहा कि पुलिस दल मौके पर हैं और जांच चल रही है।
एक दिन पहले भी हुआ था काबुल में विस्फोट
बता दें कि इससे पहले 21 सितंबर को भी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक विस्फोट हुआ था जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस धमाके में 13 अन्य घायल हो गए। तालिबान के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। काबुल पुलिस प्रमुख के लिये तालिबान द्वारा नियुक्त प्रवक्ता खालिद जादरान के अनुसार यह विस्फोट काबुल के पश्चिमी देहमाजंग इलाके में एक रेस्तरां में हुआ। इस विस्फोट के लिए अब तक किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
इसी महीने एक और मस्जिद में हुआ था धमाका
इससे पहले 2 सितंबर को पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात शहर में एक भीड़ भरी मस्जिद में किए गए बम धमाके में तालिबान के करीबी माने जाने वाले एक प्रमुख मौलवी समेत कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 23 अन्य घायल हो गए थे। तालिबानी अधिकारियों और एक स्थानीय चिकित्साकर्मी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हेरात शहर की गुजारगाह मस्जिद में नमाज के समय यह विस्फोट हुआ जब वहां काफी भीड़ थी। घटनास्थल के वीडियो में मस्जिद प्रांगण में शव बिखरे पड़े थे, जमीन पर खून के धब्बे नजर आ रहे थे। खौफ और सदमे में लोग चिल्ला रहे थे। इस विस्फोट में मुजीब-उल रहमान अंसारी की भी मौत हो गई, जो एक प्रमुख मौलवी थे।
इस्लामिक स्टेट से नहीं निपट पा रही तालिबान सरकार
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद से इस्लामिक स्टेट के क्षेत्रीय संगठन इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रांत ने देश भर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हमले तेज कर दिए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान की मौजूदा सरकार के लिए इस्लामिक स्टेट से निपटना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। तालिबान ने भी इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है।
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