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लश्कर के आतंकी अबू कताल की पाकिस्तान में हत्या, हाफिज सईद का था करीबी, रियासी बस हमले की रची थी साजिश

आतंकी अबू कताल की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई है। 2 अज्ञात लोगों ने इस घटना को उस वक्त अंजाम दिया, जब अबू कताल वाहन में यात्रा कर रहा था।

Abu Qatal - India TV Hindi Image Source : INDIA TV अबू कताल

इस्लामाबाद: भारत का एक और दुश्मन और एनआईए का वांटेड आतंकी मारा गया है। आतंकी अबू कताल की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई है। वह मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेहद करीबी थी। अबू कताल वही आतंकी था, जिसने जम्मू कश्मीर के रियासी बम हमले की साजिश रची थी। वही इस हमले का मास्टरमाइंड था। मिली जानकारी के मुताबिक, अबू कताल उर्फ ​​कतील सिंधी की 2 अज्ञात लोगों ने उस समय हत्या की, जब वह अपने वाहन में यात्रा कर रहा था। अबू कताल ढांगरी, राजौरी और रियासी हमलों के लिए जिम्मेदार था।

कौन था अबू कताल?

लश्कर का अबू कताल, लश्कर के खुरेटा लॉन्च पैड (पीओजेके का जिला कोटली) का स्वयंभू कमांडर था। उसके निर्देशन में यह शिविर लश्कर की गतिविधियों का केंद्र रहा था, जो भारत में राजौरी-पुंछ सेक्टरों में लक्षित हमलों पर केंद्रित था।
वह जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ सेक्टर में लश्कर के आतंकवादियों की घुसपैठ कराने में सीधे तौर पर शामिल था, इसके अलावा इस क्षेत्र में ड्रोन गिराने के जरिए हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करता था। वह हाल के दिनों में राजौरी-पुंछ क्षेत्र में हुए कुछ बड़े हमलों के समन्वय में लश्कर का एक प्रमुख सदस्य था। हालांकि कताल को लश्कर के एक प्रमुख ऑपरेटिव के रूप में जाना जाता था, लेकिन सुरनकोट पुंछ के निसार नामक एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद उसकी मिलीभगत स्पष्ट रूप से स्थापित हो गई थी, जो सेना के वाहन पर भाटिया डूरियन हमले (अप्रैल 2023) का हिस्सा था।

अबू कताल ने पाकिस्तान लौटने से पहले 2000 के दशक की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर में काम किया था। उसने लश्कर के आतंकवादियों के लिए आतंकी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए अपने पुराने संपर्कों का इस्तेमाल किया। अबू कताल लश्कर के शीर्ष कमांडरों में से एक था और हाफिज सईद सहित शीर्ष नेतृत्व का विश्वासपात्र था। वह कोटली में लश्कर के सबसे महत्वपूर्ण शिविर को संभाल रहा था और सीधे रावलपिंडी में रहने वाले साजिद जट्ट को रिपोर्ट कर रहा था।

शिविरों की विशेष तस्वीर भी सामने आई

शिविरों की विशेष तस्वीर भी सामने आई है, जिसका नेतृत्व पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की मौजूदगी में अबू कताल और सैफुल्लाह ने मिलकर किया था। अबू कताल, पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के साथ मिलकर पीओजेके के मंगला में स्थित एक कोर मुख्यालय के अंतर्गत पूरे ऑपरेशन की देखभाल करता था। उसके पास आतंकी शिविर, कोटली, खुरेटा, समानी, निकियाल, जंद्रुट, डुंगी, समानी कहुटा और अन्य की जिम्मेदारी थी।

Image Source : INDIA TV शिविर की एक्सक्लूसिव तस्वीर

NIA के लिए मोस्ट वांटेड था अबू कताल

मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकी अबू कताल की हत्या बीती रात पाकिस्तान में हुई। उसने 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिव खोरी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले में अहम भूमिका निभाई थी। यह हमला कताल के नेतृत्व में ही किया गया था। हाफिज सईद ने ही अबू कताल को लश्कर का चीफ ऑपरेशनल कमांडर नियुक्त किया था। हाफिज सईद अबू कताल को आदेश देता था, जो बाद में कश्मीर में बड़े हमलों को अंजाम देता था।

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2023 राजौरी हमले में शामिल होने के आरोपपत्र में अबू कताल का भी नाम शामिल किया था। दरअसल 1 जनवरी, 2023 को राजौरी के ढांगरी गांव में नागरिकों को निशाना बनाकर आतंकी हमला किया गया था। हमले के अगले दिन एक आईईडी विस्फोट हुआ था। हमलों में दो बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एनआईए ने राजौरी हमले के मामले में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन के तीन पाकिस्तान स्थित संचालकों सहित पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

एनआईए की जांच के अनुसार, तीनों ने जम्मू-कश्मीर में नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की भर्ती और भेजने की योजना बनाई थी। सेना समेत कई सुरक्षा एजेंसियां ​​जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में उसकी भूमिका के लिए अबू कताल पर नजर रख रही थीं।

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