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Hindi News विदेश एशिया Aab-E-Zamzam: हज यात्री अब मक्का से नहीं ला सकेंगे पवित्र जल आब-ए-जमजम, सऊदी सरकार ने किया बैन

Aab-E-Zamzam: हज यात्री अब मक्का से नहीं ला सकेंगे पवित्र जल आब-ए-जमजम, सऊदी सरकार ने किया बैन

पहले हर हज यात्री को 10 लीटर आब-ए-जमजम लाने की इजाजत थी लेकिन बाद में सऊदी सरकार ने इसे घटाकर 5 लीटर कर दिया। अब इसके लाने पर ही रोक लगा दी गई है। सऊदी जनरल एविएशन अथॉरिटी (SGAA) ने इस बारे में ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया है।

Aab-E-Zamzam- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA Aab-E-Zamzam

Highlights

  • आब-ए-ज़मज़म का चश्मा यानी कुआं अल्लाह की कुदरत माना जाता है
  • हज करने वाले यात्री इस जल को साथ ले जाते हैं
  • हर हज यात्री को पहले 5 लीटर पवित्र जल लाने की इजाजत थी

Aab-E-Zamzam: हज यात्रियों के लगेज में अब मक्का से पवित्र जल आब-ए-जमजम लाने पर रोक लगा दी गई है। सऊदी अरब सरकार ने इस बारे में बुधवार को नोटिफिकेशन जारी किया। नोटिफिकेशन में यह नहीं बताया गया है कि इस पवित्र जल को लाने पर रोक क्यों लगाई गई है। नोटिफिकेशन के अनुसार एयरलाइन कंपनियों से कहा गया है कि वो आब-ए-जमजम पर बैन के फैसले का सख्ती से पालन कराएं और ऐसा नहीं होने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

क्या है आब-ए-जमजम?
इस्लाम धर्म में आब-ए-जमजम का खास महत्व है। आब-ए-जमजम का चश्मा यानी कुआं अल्लाह की कुदरत माना जाता है। मक्का की पवित्र मस्जिद अल-हरम से करीब 66 फीट दूरी पर एक कुआं है, इसे ही जमजम कहा जाता है। इस्लाम में जमजम का चश्मा यानी कुआं हर मुसलमान के लिए अल्लाह का तोहफा माना जाता है। मुस्लिम इसे सबसे पवित्र जल मानते हैं। कहा जाता है कि यह कुआं करीब चार हजार साल पुराना है। उमरा और हज करने वाले यात्री इस जल को साथ ले जाते हैं। वतन लौटकर ये लोग इसे अपने रिश्तेदारों में भी बांटते हैं। इसे पवित्र तोहफा भी माना जाता है। जमजम के इस कुएं को हजारों साल से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन इसका पानी न कभी सूखता है, ना कभी कम होता है और न खराब होता है।

आदेश में क्या है?
आपको बता दें कि पहले हर हज यात्री को 10 लीटर आब-ए-जमजम लाने की इजाजत थी लेकिन बाद में सऊदी सरकार ने इसे घटाकर 5 लीटर कर दिया। अब इसके लाने पर ही रोक लगा दी गई है। सऊदी जनरल एविएशन अथॉरिटी (SGAA) ने इस बारे में ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि श्रद्धालु और यात्री एयरपोर्ट से डिपार्चर के समय चेक-इन लगेज में यह पवित्र जल नहीं ले जा सकेंगे। इस आदेश पर एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट फॉर इकोनॉमिक पॉलिसीज एंड इंटरनेशनल कोऑपरेशन के हस्ताक्षर हैं। सभी कमर्शियल और प्राईवेट एयरलाइन कंपनियों को इस नियम का पालन करना होगा। आदेश के मुताबिक, लगेज में किसी भी तरह का लिक्विड (आब-ए-जमजम समेत) नहीं ले जाया जा सकेगा।

एयरलाइंस कंपनियों को इस बारे में स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर्स यानी SOPs भी जारी कर दिए गए हैं। जेद्दा और सऊदी अरब के बाकी तमाम एयरपोर्ट्स पर मौजूद स्टाफ सख्ती से जांच करेगा कि किसी पैसेंजर के लगेज में इस पवित्र जल तो नहीं है।

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