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पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर बम और गोली से हमला, बुलेटप्रूफ दस्ते पर किया आइईडी विस्फोट

पाकिस्तान में कुछ विशेष वर्ग चीन की चाल का समझता है। इसलिए वह नहीं चाहते कि चीन पाकिस्तान को अपना आर्थिक गुलाम बनाए। मगर पाकिस्तान की हुकूमत चीन के हाथों बिकने को तैयार बैठी है। चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हुआ घातक हमला बताता है कि बहुत से पाकिस्तानी चीन से नफरत करते हैं।

पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला।- India TV Hindi Image Source : THE DON पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला।

पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर बड़ा और घातक जानलेवा हमला किया गया है। यह हमला पाकिस्तान में ग्वादर पुलिस स्टेशन के पास हुआ है। आज रविवार को चीनी इंजीनियरों के काफिले को निशाना बनाकर बम और गोली से उनपर हमला किया गया। 23 चीनी इंजीनियर तीन एसयूवी और एक वैन के काफिला से जा रहे थे। इसी दौरान उनपर हमला शुरू हो गया। गनीमत थी कि दोनों ही वाहन बुलेटप्रूफ थे। इससे सभी 23 चीनी कर्मियों की जान बच गई। हमले के दौरान हमलवारों ने एक आईईडी विस्फोट भी किया और वैन पर गोली चलाई गई। गोलीबारी से कार के शीशे में दरारें पड़ गईं।

चीनी इंजीनियरों पर इस घातक हमले के बाद चीन में हड़कंप मच गया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। अभी तक चीन की ओर से इस पर कोई बया नहीं आया है। मगर ऐसा माना जा रहा है कि चीन फिर पाकिस्तान को कड़ी नसीहत देते हुए अपने कर्मचारियों को पाक छोड़ने का निर्देश दे सकता है। बता दें कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा दोनों देशों के बीच की सबसे महत्वापूर्ण योजना है। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान में चीनी कंपनियों के कई अन्य प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं। चीन पाकिस्तान को आर्थिक गुलाम बनाने और भारत पर नैतिक दबाव बनाने के इरादे से पाक में रुपये का निवेश कर रहा है।

सीपीईसी और बीआरआई का विरोध करता रहा है भारत

भारत शुरू से ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का विरोध करता रहा है। इसके अलावा चीन पाकिस्तान में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) पर भी काम कर रहा है। पाकिस्तान में चीन का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसे चीन पीओके से ले जा रहा है। इस वजह से भारत ने सीपीईसी के साथ बीआरआई का भी कड़ा प्रतिरोध जता चुका है। मगर चीन मानने को तैयार नहीं है। चीन बीआरआई के जरिये भारत की पाकिस्तान से लगी सीमा तक अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है।

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