यूक्रेन युद्ध में रूस की 60 फीसदी सेना खल्लास! सैनिकों ने रोते हुए पुतिन को भेजा वीडियो; कहा- अपने ही कमांडर मार रहे गोली
रूस के सैनिकों ने विलाप करते हुए पुतिन को वीडियो संदेश भेजा है। सैनिकों ने कहा है कि पुतिन ने उन्हें यूक्रेन युद्ध में "वध" (मरने) के लिए भेजा है। वीडियो में दावा किया गया है कि पुतिन के पागलपन की वजह से यूक्रेन युद्ध में अब तक 60 फीसदी रूसी सैनिक या तो मारे जा चुके हैं या फिर वे बुरी तरह घायल हो गए हैं।
नई दिल्लीः रूस के सैनिकों ने विलाप करते हुए पुतिन को वीडियो संदेश भेजा है। सैनिकों ने कहा है कि पुतिन ने उन्हें यूक्रेन युद्ध में "वध" (मरने) के लिए भेजा है। वीडियो में दावा किया गया है कि पुतिन के पागलपन की वजह से यूक्रेन युद्ध में अब तक 60 फीसदी रूसी सैनिक या तो मारे जा चुके हैं या फिर वे इतने बुरी तरह घायल हो गए हैं कि वह लड़ने लायक नहीं रहे। अब वह युद्ध में दोबारा आकर लड़ने की स्थिति में कभी नहीं होंगे। हताश रूसी सैनिक ने वीडियो बनाकर पुतिन के नाम एक पत्र जारी किया है, जिसमें सैनिकों ने अपनी दुर्दशा को बताया गया है। इस वीडियो के सामने आते ही हड़कंप मच गया है।
डेली स्टार और अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पुतिन की विफल सेना ने अब तक यूक्रेन युद्ध में 5.5 लाख से अधिक सैनिक खोए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूसी सेन के ये सैनिक या तो युद्ध में मारे जा चुके हैं या फिर इतने अधिक गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं कि वह दोबारा कभी युद्ध के मैदान में लौटने लायक नहीं हैं। यानि घायल सैनिक अब युद्ध लड़ने में सक्षम नहीं हैं। इससे रूस को हुए नुकसान का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। रूसी सैनिक रोते हुए कह रहे हैं कि उन्हें यहां वध होने के लिए भेजा गया है। हताश रूसी सैनिकों के समूह ने राष्ट्रपति पुतिन के नाम वीडियो के माध्यम से खुला पत्र जारी किया है। अपनों को मरते और घायल होते देख सैनिकों ने गुस्से में सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो बनाकर राष्ट्रपति पुतिन को संदेश भेजा है।
अपने ही कमांडर रूसी सैनिकों को मार रहे गोली
वीडियो संदेश में एक और हैरान करने वाला दावा रूसी सैनिकों की ओर से किया गया है। उनका कहना है कि काफी रूसी सैनिकों को अपने ही देश के कमांडर गोली मार दे रहे हैं। सैनिकों का दावा है कि जो जवान युद्ध में लड़ने से इन्कार कर रहे हैं उन्हें कमांडर गोली मार दे रहे हैं। सैनिकों का यह समूह रूस के इरकुत्स्क क्षेत्र से है, लेकिन अब वह यूक्रेन में लड़ रहे हैं। बैकाल पीपल टेलीग्राम चैनल के अनुसार रूसी सैनिकों ने कहा कि "उन्हें अवैध रूप से डीपीआर की पहली स्लाविक ब्रिगेड के नियंत्रण में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां उन्हें हमला करने वाली इकाइयों में गठित किया गया था और 'नरसंहार के लिए' भेजा गया था। लामबंद सैनिकों ने एक वीडियो संदेश में कहा कि कमांड सीधे तौर पर कहता है कि हम सभी का इसके लिए उपभोग्य है।
एक अन्य रेजीमेंट की बटालियन ने भी बनाया ऐसा ही वीडियो
पुतिन को संदेश देने वाला सैनिकों का विलाप करने वाला यह वीडियो सिर्फ अकेला नहीं है, बल्कि बताया जा रहा है कि इससे पहले एक अन्य रेजिमेंट की दूसरी बटालियन के 1439 लामबंद जवानें ने पहले ही लगभग ऐसा ही वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था। "सैनिकों के अनुसार वह बटालियन अब व्यावहारिक रूप से नष्ट हो गई है। मौजूदा वीडियो में देखा जा सकता है कि सैनिक अपना चेहरा ढंके हुए पुतिन को एक पूर्व लिखित संदेश पढ़ रहे हैं। विराज्यों के विभिन्न भागों के ग्रुप लीडर वीडियो में कहते हैं कि नरसंहार के लिए व तबाही मचाने के लिए बिना किसी तोपखाने, संचार, सैपर या टोही विमान के बिना ही अवदीवका गढ़ वाले क्षेत्र में भेजा जाता है।
और कमांड सीधे कहता है कि हम सभी उपभोग्य हैं और घर लौटने का एकमात्र मौका घायल होना है।
1.48 लाख से अधिक रूसी सैनिक यूक्रेन में शहीद
एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि रूस ने यूक्रेन युद्ध में अब तक 5 लाख 93 हजार 520 सैनिकों को खो दिया है, जिनमें से 1 लाख 48 हजार 130 यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई में मारे जा चुके हैं। अन्य सैनिक इतने अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं कि वह अब कभी युद्ध के मैदान में लौटने लायक नहीं होंगे। सैनिकों ने कहा है कि "हमर अपने कमांडरों के नाम और रैंक भी नहीं जानते, क्योंकि वे हमें नहीं बताते हैं।" सिर्फ युद्ध में मरने के लिए भेज देते हैं। घर लौटना अब संभव नहीं है। यहां दो ही रास्ते हैं या तो युद्ध में मारे जाओ या घायल हो जाओ तो घर वापसी हो सकती है।
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