Flood Crisis in Pakistan: पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ के कहर से मरने वाले कुल लोगों की संख्या 1545 पहुंच गई है। हालांकि यह सिर्फ सरकारी आंकड़े हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार पाकिस्तान में इससे तीन-चार गुना अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मगर पाकिस्तान अपने लोगों की जिंदगी बचाने के बजाए मौत के आंकड़े में खेलबाजी करने और दया की भीख मांगने में मसगूल है। अब सवाल ये उठता है कि दूसरे देश आखिर कब तक पाकिस्तान को दया की भीख देते रहेंगे और इससे वह कितने लोगों की जिंदगी बचा पाएगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा है कि पाकिस्तान में जून के मध्य से मानसूनी बारिश और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,545 हो गई है, जबकि 12,860 लोग घायल हो गए हैं। एनडीएमए की ओर से शनिवार शाम जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अलग-अलग बारिश या बाढ़ से संबंधित हादसों में जान गंवाने वालों में 552 बच्चे और 315 महिलाएं शामिल हैं।
सिंध प्रांत में हुई सबसे अधिक मौतें
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एनडीएमए के हवाले से बताया गया कि सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, जहां 678 लोगों की बाढ़ के कहर से जान जा चुकी है। इसके बाद उत्तर-पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा और दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांतों में क्रमश: 306 और 299 लोगों की मौत हुई है। इनके अलावा, 9,43,909 पशुओं को भी अपनी जान गवांनी पड़ी है।
20 लाख घरों को नुकसान
एनडीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में 1,943,978 घर नष्ट हो गए हैं। जाहिर है कि इससे पांच गुने से अधिक लोग बेघर हुए हैं, जो बीमारी और भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। उनका ध्यान देने वाला कोई नहीं है। बहुत से लोगों को मांग कर भोजना करना पड़ रहा है। वहीं 12,735 किलोमीटर लंबी सड़कें और 375 पुल बाढ़ के चलते क्षतिग्रस्त हुए हैं। एनडीएमए द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 81 जिले और अनुमानित 33,046,329 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एनडीएमए, अन्य सरकारी संगठनों, स्वयंसेवकों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा बचाव और राहत अभियान जारी है।
अपने लोगों को नहीं बचा पा रहा पाकिस्तान
इन दिनों पाकिस्तान ने अपने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया है। हजारों लोगों के पास शुरू से अब तक कोई मदद नहीं पहुंच पाई है। लोग भूख और बीमारी से मर रहे हैं, लेकिन उन्हें पाकिस्तान सरकार कोई सहायता नहीं दे पा रही है। पाकिस्तान के पास कुछ बचा भी नहीं है, बल्कि वह एक ही बाढ़ में भिखारी हो गया है। पाकिस्तान घूम-घूम कर दूसरे देशों से भीख मांग रहा है। इससे अब दूसरे देश भी पाकिस्तान से कतराने लगे हैं। आखिर कब तक पाकिस्तान को भीख देकर दूसरे देश बचाते रहेंगे।
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