नई दिल्ली: कहावत है कि झूठ, फरेब और मक्कारी को लाख पर्दों में छिपाने की कोशिश की जाए, सच्चाई सामने आ ही जाती है। पाकिस्तान पर ये कहावत बिलकुल सटीक बैठती है। दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तानी हुक्मरान भले ही जम्हूरियत का नाकट करते हों लेकिन पर्दे के पीछे से हुकूमत सिर्फ और सिर्फ फौज़ चलाती है। ऑर्डर फौज का चलता है। इमरान खान सिर्फ बाजवा के माउथ पीस हैं।
दरअसल पाकिस्तान के एक बड़े न्यूज चैनल जियो टीवी पर रात के आठ बजे बड़े पत्रकारों में शुमार हामिद मीर एक खास शख्सियत का इंटरव्यू लेकर हाजिर हुए थे। ठीक आठ बज कर तीन मिनट पर हामिद मीर अपने शो का आगाज़ करते हैं। शुरुआत करते हुए ठीक 25 सेकंड बाद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी का चेहरा स्क्रीन पर आता है और दुआ-सलाम के बाद सवालों का सिलसिला शुरू होता है।
सवालों का सिलसिला बदस्तूर जारी था और आसिफ अली ज़रदारी खुद की गिरफ्तारी को लेकर इमरान खान की लानत मलानत कर रहे थे, पाकिस्तान की फर्जी जम्हूरियत का पाठ पढ़ा रहे थे लेकिन उसी दौरान हामिद मीर और ज़रदारी स्क्रीन से गायब हो चुके थे और पाकिस्तानी टीवी चैनल पर एड चलने लगे।
यूं तो तकनीकी दिक्कत से कई बार ऐसा हो सकता है और पाकिस्तान की अवाम इसी उम्मीद में थी कि जरदारी फिर लौटेंगे लेकिन न तो मीर साहब प्रकट हुए ना ही जरदारी जी आए। हालांकि चंद मिनट बाद ही हामिद मीर का एक ट्वीट आया जिससे ये साफ हो चुका था कि इमरान की हुकूमत ने जरदारी का इंटरव्यू जबरन रोक दिया। थोड़ी देर बाद हामिद मीर खुद एक और पाकिस्तानी चैनल पर सवालों से रूबरू थे।
जबरन इंटरव्यू रोके जाने से पहले आसिफ जरदारी बार-बार इमरान खान को सेलेक्टेड कह रहे थे। मतलब फौज की कठपुतली। इतना ही नहीं जरदारी के इस इंटरव्यू में एक और खुलासा होने वाला था। इस दौरान जरदारी ने बताया कि इमरान खान के खिलाफ लंदन में एक इंवेस्टीगेशन हो रही है और इनका बहुत बड़ा स्कैंडल सामने आ रहा है।
साफ है कि इस इंटरव्यू में इमरान खान और पाकिस्तानी हुक्मरानों और बाजवा की फौज के कनेक्शन को लेकर कई खुलासे करने वाले थे। यही वजह है कि अवाम तक पहुंचने से पहले ही जरदारी की आवाज़ रोक दी गई। देखें वीडियो....
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