कोलंबो: मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चुनावों में हार के बावजूद राजनीतिक कैदियों को रिहा नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मालदीव में विपक्ष ने बुधवार को कहा कि निवर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन हाई प्रोफाइल राजनीतिक कैदियों को रिहा करने में देरी कर रहे हैं, जबकि उनके उत्तराधिकारी बार-बार उनकी रिहाई की अपील कर रहे हैं। रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अपनी करारी हार के ठीक बाद यामीन ने 5 कैदियों को रिहा किया था। लेकिन यामीन के सौतेले भाई और पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम सहित कई अन्य अब भी जेल में बंद हैं।
गयूम की DRP पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि राष्ट्रपति गयूम को सोमवार को रिहा कर दिया जाएगा। अदालतों ने प्रशासनिक मुद्दे उठाए और उनकी रिहाई मंगलवार के लिए टाल दी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। हमें लगता है कि यामीन जेल सेवाओं पर राजनीतिक कैदियों को रिहा नहीं करने का दबाव डाल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। DRP के प्रवक्ता ने कहा कि यामीन बगैर लड़े सत्ता छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रहे और 17 नवंबर को अपने राष्ट्रपति कार्यकाल की समाप्ति तक राजनीतिक कैदियों को जेल में बंद रखने पर तुले हुए हैं।
अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान अपने ज्यादातर प्रतिद्वंद्वियों को जेल में बंद कर चुके या उन्हें निर्वासित कर चुके यामीन को संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार इब्राहीम मोहम्मद सोलिह ने अप्रत्याशित तरीके से राष्ट्रपति चुनावों में हरा दिया था। यामीन के दबाव में काम कर रहे मालदीव के मीडिया ने राष्ट्रपति चुनावों में अप्रत्याशित जीत हासिल करने वाले सोलिह को कुछ खास कवरेज नहीं दी थी। बहरहाल, सोलिह ने भी यामीन से अपील की कि वह सभी असंतुष्ट नेताओं को रिहा करें। विपक्षी सांसद और पूर्व पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला रियाज एवं 4 अन्य को सोमवार को राजधानी माले की अपराध अदालत ने रिहा किया था।
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