ताइवान मुद्दे पर जिनपिंग ने बायडेन को दी चेतावनी, कहा- जो आग से खेलेगा, जल जाएगा
शी जिनपिंग ने कहा कि चीन का उदय ‘इतिहास की अपरिहार्य प्रवृत्ति’ है और इसे रोका नहीं जा सकता।
Highlights
- शी जिनपिंग ने जो बायडेन से कहा कि चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की ‘निश्चित रूप से रक्षा’ करेगा।
- जिनपिंग ने बायडेन को चेतावनी दी कि जो कोई भी ताइवान को लेकर आग से खेलेगा, वह ‘जल जाएगा।’
- जो बायडेन कई मुद्दों पर बीजिंग की आलोचना करते रहे हैं।
बीजिंग/वॉशिंगटन: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जो बायडेन के साथ मंगलवार को एक ऑनलाइन बैठक में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की ‘निश्चित रूप से रक्षा’ करेगा और उन्होंने चेतावनी दी कि जो कोई भी ताइवान को लेकर आग से खेलेगा, वह ‘जल जाएगा।’ बायडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली शिखर वार्ता है। इससे पहले दोनों ने 2 बार फोन पर बातचीत की। वार्ता 2 दौर में हुई और 3 घंटे से अधिक समय तक चली।
‘जो आग से खेलेगा, वह जल जाएगा’
जिनपिंग ने कहा कि चीन का उदय ‘इतिहास की अपरिहार्य प्रवृत्ति’ है और इसे रोका नहीं जा सकता। ताइवान के संबंध में 68 वर्षीय जिनपिंग ने तनाव के लिए ताइवान के अधिकारियों द्वारा अपने स्वतंत्रता एजेंडे के लिए अमेरिकी समर्थन की तलाश करने के वास्ते बार-बार प्रयास करने को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकियों का इरादा चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करना है। जिनपिंग ने बायडेन से कहा, ‘इस तरह की हरकतें बेहद खतरनाक होती हैं, ठीक वैसे ही जैसे आग से खेलना। जो आग से खेलेगा, वह जल जाएगा।’
‘पूरी ईमानदारी से पुनर्मिलन की कोशिश करेंगे’
जिनपिंग ने आगे कहा, ‘एक चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त संचार, चीन-अमेरिका संबंधों की राजनीतिक नींव हैं। चीन के पूर्ण एकीकरण को प्राप्त करना चीनी राष्ट्र के सभी बेटों और बेटियों द्वारा साझा की जाने वाली एक आकांक्षा है। हमारे पास धैर्य है और पूरी ईमानदारी और प्रयासों के साथ शांतिपूर्ण पुनर्मिलन की संभावना के लिए प्रयास करेंगे।’ चीन के सरकारी दैनिक समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि शी और बायडेन ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ साझा सरोकार से जुड़े रणनीतिक, समग्र और मौलिक मुद्दों पर व्यापक तथा गहन चर्चा की।
जिनपिंग और बायडेन के बीच तीसरी वार्ता
आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के मुताबिक, जिनपिंग ने उम्मीद जतायी कि चीन के प्रति अमेरिकी नीति को ‘तर्कसंगत और व्यावहारिक’ पटरी पर वापस लाने के लिए बायडेन ‘राजनीतिक नेतृत्व’ का प्रदर्शन करेंगे। फरवरी के बाद से जिनपिंग और बायडेन के बीच यह तीसरी वार्ता है। इससे पहले, दोनों नेताओं ने सितंबर में फोन पर लंबी बातचीत की थी। जिनपिंग ने कहा, ‘इतिहास एक निष्पक्ष न्यायाधीश है। एक राजनेता क्या करता है, चाहे वह सही हो या गलत, यह एक उपलब्धि या विफलता हो, यह सब इतिहास द्वारा दर्ज किया जाएगा।’
‘दोनों पक्षों के फायदे के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए’
जिनपिंग ने कहा कि उम्मीद है कि राष्ट्रपति बायडेन राजनीतिक नेतृत्व का प्रदर्शन करेंगे और अमेरिका की चीन नीति को वापस आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे की सामाजिक व्यवस्थाओं और विकास पथों का सम्मान करने, एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का सम्मान करने और एक-दूसरे के विकास के अधिकार का सम्मान करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, शांति के साथ सह-अस्तित्व कायम करना चाहिए और दोनों पक्षों के फायदे के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
‘आंतरिक मामलों में दूसरे देशों के दखल का विरोध’
साथ ही, जिनपिंग ने सर्वसम्मति बनाने के लिए बायडेन के साथ काम करने और चीन-अमेरिका संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाने की इच्छा व्यक्त की। शिनजियांग और तिब्बत के साथ-साथ हांगकांग में उइगुर समुदाय के लोगों के खिलाफ नरसंहार के अमेरिकी आरोपों के स्पष्ट संदर्भ में उन्होंने कहा कि चीन आपसी सम्मान के आधार पर मानवाधिकारों पर संवाद करने के लिए तैयार है, ‘लेकिन हम दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए मानवाधिकारों के इस्तेमाल का विरोध करते हैं।’
‘कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता में बड़ी कटौती करेगें’
जलवायु परिवर्तन पर, उन्होंने सीओपी26 ग्लासगो शिखर सम्मेलन में शीर्ष प्रदूषकों, अमेरिका और चीन के बीच हालिया समझौते का उल्लेख किया और कहा, ‘चीन इतिहास में सबसे कम समय सीमा में कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता में दुनिया की सबसे बड़ी कटौती करेगा।’ कोविड-19 पर जिनपिंग ने कहा कि एकजुटता और सहयोग अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए कोविड-19 को हराने का सबसे शक्तिशाली हथियार है। अमेरिका और चीन के बीच मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में दोनों नेताओं ने यह बैठक की।
दोनों देश एक दूसरे पर लगाते हैं आरोप-प्रत्यारोप
गौरतलब है कि बायडेन उत्तर पश्चिमी चीन में उइगुर समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों के हनन, हांगकांग में लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों को कुचलने, स्व-शासित ताइवान के खिलाफ सैन्य आक्रामकता सहित कई मुद्दों पर बीजिंग की आलोचना करते रहे हैं। वहीं, जिनपिंग के अधिकारी बायडेन प्रशासन पर निशाना साधते हुए, उस पर चीन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप लगाते रहे हैं।