शी ने कहा, चीनी सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित परेड का निरीक्षण करते हुए कहा कि सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है।
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित परेड का निरीक्षण करते हुए कहा कि सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है। शी ने कहा कि पीएलए को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सीपीसी के निरपेक्ष नेतृत्व का सख्ती से पालन करना चाहिए और जहां पार्टी कहे वहां मार्च करना चाहिए। शी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख हैं जिसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना पीएलए का पूर्ण नियंत्रण है। उन्होंने कहा, मुझो दृढ़ विास है कि हमारी वीर सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है। शी के भाषण में सिक्किम क्षेत्र के डोकालाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच एक माह से चल रहे गतिरोध का कहीं कोई उल्लेख नहीं रहा। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनके विदेश एवं रक्षा मंत्रालयों ने भारत पर चीनी क्षेत्र के डोकलाम में अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है और आधिकारिक मीडिया में भारत के इस कदम के खिलाफ एक आक्रमक अभियान चलाया जा रहा है। (PLA के 90वें स्थापना दिवस में शामिल हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपंग)
सैन्य सूट पहने 64 वर्षीय शी एक खुली जीप में जवानों के सामने से गुजरे और इस दौरान लाउड स्पीकर में सैन्य संगीत बज रहा था। शी ने समारोह में अपने 10 मिनट के भाषण में कहा, हमारी सेना में मजबूत सेना के निर्माण में एक नया अध्याय लिखने और चीनी राष्ट्र के कायाकल्प के स्वप्न को साकार करने एवं विश्व शांति की सुरक्षा के लिए एक नया योगदान करने का साहस व क्षमता है। समारोह का सरकारी टीवी और रेडियो पर सीधा प्रसारण किया गया। इससे पूर्व शी ने इनर मंगोलिया के झूरिहे में चीनी सेना के सबसे बड़े बेस पर भव्य सैन्य परेड का निरीक्षण किया जिसमें सेना और वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन किया। इसमें वह नया टैंक भी शामिल था जिसका इस्तेमाल हाल ही में भारतीय सीमा के पास उुंचाई वाले इलाके में युद्धाभ्यास के लिये किया गया था।
शी ने सेना से कहा कि अपनी लड़ाकू क्षमता एवं राष्ट्रीय रक्षा के आधुनिकीकरण में और सुधार करें और साथ ही राष्ट्रीय रक्षा एवं सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण भी करें। अमेरिका सेना के बाद चीनी सेना का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट 152 अरब अमेरिकी डालर है। पीएलए की स्थापाना एक अगस्त 1927 को तब की गई थी जब माओ त्सेतुंग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ सीपीसी ने उनके राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन को आगे बढ़ाया था। यह उन दुर्लभ राष्ट्रीय सेनाओं में से एक है, जो चीनी सरकार की बजाय अब भी सीपीसी के नेतृत्व में काम करती है। सीपीसी केंद्रीय समिति के महासचिव शी ने कहा, अधिकारियों और सैनिकों, आपको अनिवार्य रूप से मूल सिद्धांतो और सेना पर पार्टी के पूर्ण नेतृत्व के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए, हमेशा पार्टी के आदेश को सुने और उसका पालन करें और जहां भी पार्टी कहे वहां मार्च करें।
शी ने कहा कि पीएलए अधिकारियों तथा सैनिकों को पूरे दिल से लोगों की सेवा करने के मौलिक लक्ष्य का दृढ़तापूर्वक पालन करना चाहिए और हमेशा लोगों के साथ खड़े रहें। पीएलए के एक वि स्तरीय सैन्य बल के रूप में निर्माण का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि चीन को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत सेना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शांति का आनंद उठाना लोगों के लिए सुख की बात है जबकि उस शांति की रक्षा करना सेना की जिम्मेदारी है। शी ने कहा, दुनिया में पूरी तरह शांति नहीं है और शांति की रक्षा की जानी चाहिए। अगले वर्ष होने वाली सीपीसी की बैठक में उन्हें शी को दूसरी बार सीपीसी का प्रमुख चुना जा सकता है।
उन्होंने कहा, आज, इतिहास में किसी अन्य समय की तुलना में, हम चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प के लक्ष्य के करीब हैं और हमें पहले से अधिक मजबूत सेना का निर्माण करने की आवश्यकता है। शी ने पीएलए से सशस्त्र सेना निर्माण पर सीपीसी के विचारों को पूरी तरह लागू करने की अपील की, जिससे कि चीनी विशेषताओं के साथ सेना को मजबूत करने, नए परिस्थितियों के अनुरूप पीएलए को मजबूत करने के सीपीसी के लक्ष्य को पूरा करने और पीएलए को विश्व स्तरीय सेना बनाने का मार्ग प्रशस्त हो सके। इस परेड में करीब 12,000 जवानों ने हिस्सा लिया और 129 विमान तथा 571 उपकरणों का इस दौरान प्रदर्शन किया गया।
डोंगफेंग मिसाइलें जिसमें छोटी, बढे़ और मध्यम रेंज के रॉकेट शामिल हैं और लाइट टैंक तथा ड्रोन सहित विभिन्न तरह के हथियारों का इस दौरान प्रदर्शन किया गया। सैनिकों ने हेलीकॉप्टर से युद्ध के समय तीव्रता से उतरने और युद्ध के लिये तैयार होने की भूमिका का प्रदर्शन किया। यह परेड ऐसे समय में आयोजित की गई जब सिक्किम क्षेत्र के डोकालाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच एक माह से गतिरोध चल रहा है। चीन डोकालाम के अलावा उत्तर कोरिया की स्थिति और अमेरिका द्वारा दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस थाड मिसाइल की तैनाती करने को लेकर भी चिंतित है।