नई दिल्ली: अमेरिका की जानी मानी मैगजीन ‘द वीक’ के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत में चीन की सेना को घुसपैठ करने की योजना को हरी झंडी देकर अपने भविष्य को खतरे में डाल लिया है। द वीक ने शी जिनपिंग को भारत में चीनी घुसपैठ का शिल्पकार बताया है।
चीन की सेना की साजिश बुरी तरह से फेल
अमेरिकी मैगजीन के मुताबिक चीन की सेना की यह साजिश बुरी तरह से फेल रही है और भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। चीन को भारत की ओर से इस तरह के जवाब की उम्मीद नहीं थी।
जिनपिंग की बौखलाहट बढ़ी
द वीक के स्तंभकार गॉर्डन जी चांग ने कहा कि भारतीय सेना ने चीनी सेना को जोरदार शिकस्त दी है और अब जरूरत इस बात की है कि भारत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अगले कदम पर नजर रखे। क्योंकि इस घटना से शी जिनपिंग की बौखलाहट बढ़ गई है।
सामूहिक रूप से अपने विरोधियों को कुचल रहे जिनपिंग
जी चांग ने लिखा है कि शी जिनपिंग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में मनमाफिक 'बदलाव' कर रहे हैं और सामूहिक रूप से अपने विरोधियों को कुचल रहे हैं। भारत-चीन एलएसी पर चीन की सेना को मिली शिकस्त के बाद जिनपिंग कुछ और 'क्रूर' कदम उठा सकते हैं।
भारत के खिलाफ आक्रामक अभियान के शिल्पकार शी जिनपिंग
इस लेख में कहा गया है कि दुर्भाग्य से भारत के खिलाफ चीनी सेना के आक्रामक अभियानों के शिल्पकार शी जिनपिंग हैं। उनका यह अभियान अप्रत्याशित रूप से फ्लॉप हो गया है। अब बौखलाहट में शी जिनपिंग इन घटनाक्रमों का हवाला देकर चीन की सेना में अपने विश्वासपात्रों को स्थापित करेंगे और विरोधियों को बाहर का रास्ता दिखाएंगे। लेखक का आकलन है कि शी जिनपिंग अब भारत के खिलाफ और आक्रामक रूख अख्तियार कर सकते हैं। गॉर्डन जी चांग लिखते हैं, "इन नाकामियों के बाद शी जिनपिंग भारतीय ठिकानों पर और आक्रामक हमले की योजना बना सकते हैं।''
अब भारतीय सेना ज्यादा आक्रामक
इस मैगजीन में दावा किया गया है गलवान में चीन के कम से कम 43 लोग मारे गए हैं। वहीं फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसिज नाम की संस्था के हवाले से कहा गया है कि इस संघर्ष में चीन के 60 लोग मारे गए। डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसिज से जुड़े क्लियो पास्कल ने कहा कि अब गेम बदल गया है। अब भारतीय सेना ज्यादा आक्रामक है या फिर आक्रामक रूप से रक्षात्मक हो गए हैं। भारतीय सैनिक वास्तव में और भी ताकतवर और तैयार दिखते हैं।
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