नई दिल्ली: अफगानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों में तालिबान के कब्जे के बाद यह माना जा रहा है कि वहां पर फिर से तालिबान की सरकार बनने जा रही है। लेकिन, इसपर कोई आधिकारिक घोषणा होने से पहले कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं जो नए सवाल खड़े कर रही हैं। 20 साल पहले तालिबान की अफगानिस्तान में जब हार हुई थी तब हामिद करजई वहां के राष्ट्रपति बने थे। आज जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें हामिद करजई तालिबान नेता अनस हक्कानी से मुलाकात करते हुए नजर आए हैं।
हामिद करजई के अलावा उनकी सरकार का हिस्सा रह चुके नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी तालिबानी नेता अनस हक्कानी से मुलाकात की है। अफगानिस्तान के टेलिविजन चैनल टोलो न्यूज ने मुलाकात की तस्वीरों को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। करजई और तालिबानी नेता की मुलाकात के दौरान क्या बात हुई, इसे लेकर जानकारी बाहर नहीं आई है लेकिन इस मुलाकात को लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं।
कई कयास ऐसे भी लगाए जा रहे हैं कि तालिबान दो गुटों में बंट चुका है। एक गुट अब्दुल गनी बरादर का बताया जा रहा है, जो 20 साल के बाद अफगानिस्तान लौटा है जबकि दूसरा गुट अनस हक्कानी का बताया जा रहा है। कयास ऐसे भी लगाए जा रहे हैं कि तालिबान के दोनों गुटों के नेताओं में अगला राष्ट्रपति बनने की होड़ मची हुई है तथा दोनों गुटों के नेता अपना-अपना समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं।
इस बीच अमरुल्लाह सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया है, मंगलवार को उन्होंने यह घोषणा की है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार में अमरुल्लाह सालेह उप राष्ट्रपति थे। अब क्योंकि अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए हैं, ऐसे में अमरुल्लाह सालेह ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया है और तालिबान से जंग करने के संकेत भी दिए हैं।
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