काबुल. तालिबान के राज में अफगानिस्तान में पढ़ाई कैसे होगी इसकी तस्वीर सामने आ गई है। आज काबुल में इब्न सिना यूनिवर्सिटी का पहला दिन था। क्लास शुरू हुई तो अंदर पर्दा लगा दिखाई दिया, ये पर्दा छात्र और छात्राओं के बीच लगाया गया था। यहां लड़के-लड़कियों को अलग-अलग बिठाया गया था। क्लास रूम के अंदर सभी लड़कियां हिजाब में नजर आईं।
कई शहरों में महिलाओं ने मांगा अपना हक
तालिबान राज में महिलाओं पर जुल्म कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। राजधानी काबुल सहित कई शहरों से अबतक महिलाओं के प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। आज मजार-ए-शरीफ शहर में दर्जनों महिलाएं सड़क पर उतर आईं। इन महिलाओं ने न सिर्फ तालिबानी मानसिकता के खिलाफ प्रदर्शन किया बल्कि नई सरकार में अपनी हिस्सेदारी की भी मांग की।
तालिबान ने तेज की नई सरकार के गठन की कवायद
तालिबान ने नई सरकार के गठन की कवायद तेज कर दी है। इसके लिए तालिबान ने न्योता भेजना भी शुरू कर दिया है। तालिबान ने नई सरकार के शपथ ग्रहण पर 6 देशों को न्योता भेजा है। तालिबान की तरफ से जिन देशों को न्योता भेजा गया है उनमें तुर्की, कतर, ईरान, रूस, चीन और पाकिस्तान शामिल है।
तालिबान ने पंजशीर पर नियंत्रण का किया दावा
तालिबान ने अपने विरोधियों के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान के आखिरी प्रांत पंजशीर को नियंत्रण में लेने का दावा किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि पंजशीर अब तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण में है। इलाके में मौजूद चश्मदीदों ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि हजारों तालिबान लड़ाकों ने रातों-रात पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा कर लिया। तालिबान विरोधी लड़ाकों का नेतृत्व पूर्व उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह एवं तालिबान विरोधी अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने किया था। अहमद शाह मसूद अमेरिका में 9/11 के हमलों से कुछ दिन पहले मारे गए थे।
Latest World News