इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सब्जियों की कीमतों में आई तेजी ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। गेहूं और चीनी की महंगाई ने भी आम आदमी का बजट बुरी तरह बिगाड़ रखा है। महंगाई का आलम यह है कि रावलपिंडी में अदरक के दाम 1000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि कई जगहों पर शिमला मिर्च की कीमत भी 200 रुपये प्रति किलो के स्तर को भी पार कर गई है। भिंडी 250 रुपये किलो और मटर 100 रुपये किलो तक में मिल रही है। कीमतों में आए इस उछाल ने मुल्क के गरीब लोगों की थाली से सब्जियों के गायब ही कर दिया है।
चीनी का रेट घटाकर खुश हैं इमरान
एक तरफ जनता महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है, तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री इमरान खान चीनी का रेट 81 रुपये प्रति किलो करके अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। इमरान ने खुद की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सरकार की नीतियों के चलते ही चीनी के रेट 102 रुपये प्रति किलो के भाव से घटकर 81 रुपये तक आए हैं। बता दें कि इस समय पाकिस्तान अनाज की भारी कमी का सामना कर रहा है और गेहूं के दाम 60 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचे हैं। इनकी कीमतों को कम करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार अपनी कैबिनेट के साथ मीटिंग्स कर रहे हैं।
विपक्ष ने भी मुश्किल किया इमरान का जीना इस समय
पाकिस्तान में न सिर्फ बढ़ती कीमतें, बल्कि राजनीतिक उथल-पुथल ने भी इमरान के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं।
इमरान इन दिनों विपक्षी पार्टियों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) को ही संभालने में पसीने-पसीने हो रहे हैं। विपक्ष की रैलियों में उमड़ रही भारी भीड़ ने उनकी रातों की नींद उड़ाकर रख दी है। यहां तक कि पाकिस्तान की सेना भी हवा का रुख देखकर अब पहले की तरह इमरान का साथ नहीं दे रही है। इस सियासी माहौल में इस बात की उम्मीद काफी कम हो जाती है कि आने वाले दिनों में भी पाकिस्तान की आवाम को
महंगाई से राहत मिलने वाली है।
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