बीजिंग: हाल ही में आयातित होने से क्षेत्रीय प्रकोप और क्लस्टरिंग संक्रमण के कारण चीन के अधिक प्रांत प्रभावित हुए हैं। कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट दुनिया भर में सबसे प्रचलित वैरिएंट बना हुआ है। डेल्टा वैरिएंट से चीन के च्यांगसू प्रांत के नानचिंग शहर में महामारी का प्रकोप फैला है। 31 जुलाई को चीन की राज्य परिषद की संयुक्त रोकथाम और नियंत्रण तंत्र ने संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के प्रवक्ता मी फोंग ने कहा कि इस जुलाई में पूरे चीन में नए पुष्ट मामलों की कुल संख्या 328 पहुंच गई है, जो पिछले 5 महीनों के योग के करीब है। अब 14 प्रांतों ने नये स्थानीय पुष्ट मरीजों और स्पशरेन्मुख होने वाली संक्रमित रोगियों की रिपोर्ट जारी की।
इस संवाददाता सम्मेलन में चीन की सीडीसी के शोधकर्ता फेंग जेच्यान ने कहा कि हाल ही में विभिन्न देशों और डब्ल्यूएचओ ने डेल्टा वैरिएंट की विशेषताओं के अनुसंधान को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार अन्य वैरिएंटों की तुलना में डेल्टा वैरिएंट की संचरण दर लगभग दोगुना है।
विशेषज्ञों ने कहा, "मौजूदा अनुसंधान और अवलोकन के अनुसार काफी संभव है कि महामारी-विरोधी वैक्सीन डेल्टा बैरिएंड की रोकथाम क्षमता में गिरावट हुई। लेकिन अब तक डेल्टा वैरिएंट की रोकथाम और लोगों की रक्षा करने के लिये ये वैक्सीन उपयोगी हैं। चीन की राज्य परिषद की संयुक्त रोकथाम और नियंत्रण तंत्र के टीकों के अनुसंधान और विकास समूह के विशेषज्ञ शाओ यीमिंग ने कहा कि टीका लगाने के बाद संक्रमित मरीज निर्णायक मामले के नाम पर जाना जाता है। मौजूदा विश्व स्थिति के अनुसार ये निर्णायक मामले अपवाद के बजाय सामान्य बात हैं। लेकिन उन्होंने अपील की कि दुनिया भर में महामारी-विरोधी वैक्सीन की 3 अरब खुराक दी जा चुकी हैं। इनमें निर्णायक मामलों का अनुपात बहुत छोटा है।"
विशेषज्ञों ने अपील की कि महामारी के पुन: प्रकोप से उपयोगी रूप से बचने के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को टीकाकरण और महामारी की रोकथाम व नियंत्रण के सख्त उपाय उठाना, इन दोनों बातों पर ध्यान देना चाहिये।
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