अंकारा: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की के अपने समकक्ष रेसेप तईप एर्दोगन से कहा है कि वह सीरिया के कुर्दिश मिलीशिया को हथियारों की आपूर्ति बंद कर देंगे। इस कदम से जहां तुर्की खुश हो गया है वहीं दूसरी ओर इस्लामिक स्टेट समूह से लड़ रहे सीरियाई कुर्द अलग-थलग पड़ जाएंगे। तुर्की की सरकार कुर्दिश मिलीशिया को एक आतंकी संगठन मानती है। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी।
कावुसोग्लू ने कहा कि इस निर्णय के जरिए, अमेरिका समर्थित सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस से लड़ रही कुर्दिश मिलीशिया, वाईपीजी को अमेरिका से हथियारों की आपूर्ति बंद हो जाएगी। ट्रंप ने 6 महीने पहले तुर्की की सख्त आपत्तियों पर इस योजना को मंजूरी दी थी। कावुसोग्लू ने बताया कि राष्ट्रपति एर्दोगन को फोन कॉल में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने साफ निर्देश दिया है कि कुर्द लोगों को और हथियार नहीं मिलेंगे और यह तो बहुत पहले ही खत्म हो जाना चाहिए था। व्हाइट हाउस ने बयान में फोन कॉल को लेकर इंकार नहीं किया। ट्रंप ने सीरिया में अपने सहयोगियों को सैन्य समर्थन के बारे में लंबित व्यवस्था के लिए तुर्की को अवगत कराया।
व्हाइट हाउस ने इस कदम को अपनी पूर्व की नीति के अनुरूप बताया और एक समय इस्लामिक स्टेट समूह की स्वघोषित राजधानी रहे रक्का का उल्लेख किया जिसे हाल ही में मुख्य रूप से कुर्द बलों ने आजाद करा लिया है। ट्रंप प्रशासन ने मई में घोषणा की थी कि रक्का पर वापस कब्जा पाने के लिए वह कुर्दों को हथियार देगा। ह्वाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, ट्रंप ने एर्दोगन से कहा, ‘सीरिया में हमारे साझेदारों को सैन्य सहायता प्रदान की गई थी, लेकिन अब राक्का की लड़ाई पूरी हो चुकी है और वहां हम स्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं।’ एर्दोगन से ट्रंप की बातचीत का असर आने वाले दिनों में दिखाई दे सकता है।
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