इस्लामाबाद: अमेरिकी विदेश सचिव रेक्स टिलरसन आज अपने पहले पाकिस्तान दौरे पर यहां पहुंच रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराये जाने के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को कम करने के लिहाज से टिलरसन के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। अमेरिका के भारत के साथ बढ़ते सामरिक रिश्तों को लेकर अपने नीतिगत भाषण और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में भारत की बड़ी भूमिका को रेखांकित करने के कुछ दिनों बाद टिलरसन का यह पाकिस्तान दौरा हो रहा है। (रोहिंग्या शरणार्थियों की सहायता के लिए UAE देगा 70 लाख डॉलर)
टिलरसन कल अचानक अफगानिस्तान के दौरे पर पहुंच गये थे और यह संकेत दिया था कि वह इस्लामाबाद से सख्ती से कहेंगे कि वह द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिये आतंकी संगठनों को अपनी धरती पर सुरक्षित पनाहगाह मुहैया न कराये। टिलरसन ने अपने साथ सफर कर रहे पत्रकारों को अफगानिस्तान के बगराम हवाई अड्डे पर बताया कि इस्लामाबाद को इस बात पर स्पष्ट नजरिया रखना चाहिये कि उनके सामने वे आतंकी संगठन हैं जो उसकी जमीन पर सुरक्षित पनाहगाह पा रहे हैं।
टिलरसन ने कहा, हमनें पाकिस्तान से कुछ विशिष्ट अनुरोध किये हैं जिसमें वहां तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों को मिलने वाले समर्थन को कमतर करने के लिये कार्वाई करने के लिये उनसे कहा गया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ के अनुरोध पर टिलरसन पाकिस्तान की यात्रा पर जा रहे हैं।
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