काबुल: अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने गुपचुप तरीके से अफगानिस्तान पहुंचकर सबको हैरान कर दिया। आपको बता दें कि उनका अफगानिस्तान जाने का कोई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था। शुक्रवार को अफगानिस्तान पहुंचकर जिम मैटिस ने देश के शीर्ष नेताओं से मुलाकात भी की। गौरतलब है कि करीब एक साल पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के लिए नई रणनीति की घोषणा की थी जिसमें उन्होंने अमेरिकी बलों के हजारों जवानों को अफगानिस्तान भेजने की प्रतिबद्धता जताई।
जनवरी 2017 में रक्षा मंत्री बनने के बाद मैटिस का यह चौथा अफगानिस्तान दौरा है। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी तथा अमेरिकी और नाटो बलों के नये अमेरिकी कमांडर जनरल स्कॉट मिलर से मुलाकात की। काबुल की उनकी यात्रा 17 साल के संघर्ष के दौरान एक संवेदनशील समय में हो रही है। देश के सबसे बड़े आतंकवादी समूह तालिबान के खिलाफ अफगान या अमेरिकी बल मामूली ही प्रगति हासिल कर पाए हैं। इस साल अब तक अफगानिस्तान में 6 अमेरिकी जवान मारे जा चुके हैं।
गनी ने मैटिस से कहा कि तथाकथित ‘ग्रीन ऑन ब्लू’ हमलों को रोकना शीर्ष राष्ट्रीय प्राथमिकता है जिसमें अफगान जवान उन अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की ओर हथियार तान देते हैं जिनके साथ वे काम कर रहे हैं। इस सप्ताह एशिया यात्रा के लिए रवाना होते समय संवाददाताओं से बातचीत में मैटिस ने कहा था कि उनके पास इस उम्मीद की वजह है कि तालिबान वार्ता के लिए तैयार हो सकता है। तालिबान ने लंबे समय से वॉशिंगटन के साथ सीधी बातचीत पर जोर दिया है और अफगान सरकार के साथ बातचीत करने से इनकार किया है। अमेरिका इसे अवैध मानता है।
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