वॉशिंगटन/बीजिंग: अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में द्वीपों के चीनी सैन्यीकरण को लेकर चेतावनी दी है। अमेरिका ने एक तरह से चीन को परोक्ष रूप से धमकी देते हुए कहा है कि अमेरिकी सेना के पास छोटो द्वीपों को नष्ट करने का काफी अनुभव रहा है। दरअसल, एक संवाददाता द्वारा चीन के विवादास्पद मानव निर्मित द्वीपों में से एक को अमेरिका द्वारा नष्ट करने की क्षमता के सवाल पर ज्वाइंट स्टाफ के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल केन्नेथ मैक्केनजी ने गुरुवार को कहा, ‘मैं आपको यह बता दूं कि अमेरिकी सेना का पश्चिमी प्रशांत में छोटे द्वीपों को नष्ट करने का काफी अनुभव रहा है।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी यह टिप्पणी अत्यधिक विवादित क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव के बीच आया है। अमेरिका ने चीन द्वारा अपने कृत्रिम द्वीपों के सैन्यीकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए नौवहन कार्रवाई बढ़ा दी है। अमेरिकी नौसेना ने पिछले सप्ताह विवादित पारासेल द्वीपों में 12 समुद्री मील की दूरी तक 2 युद्धपोत भेजे थे। गौरतलब है कि बुधवार को अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमान के प्रमुख के पद से सेवामुक्त होने जा रहे एडमिरल हैरी हैरिस ने कहा था कि चीन क्षेत्र में अमेरिका की सबसे बड़ी दीर्घावधि चुनौती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन सरकार ने अमेरिका के हालिया बयानों पर जोरदार प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिका के कड़े रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका का चीन पर समुद्री सैन्याभ्यास का आरोप उसी तरह है जैसे चोर चोरी करके रोता है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आखिर अमेरिका अपने जहाज लेकर दक्षिण चीन सागर में आता ही क्यों है? गौरतलब है कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में नियमित रूप से फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन का संचालन कर रहा है।
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