वॉशिंगटन/तेहरान: ईरान और अमेरिका के बीच रिश्ते अब तेजी से खराब होते जा रहे हैं। एक तरफ ईरान लगातार अमेरिका और सऊदी अरब जैसे उसके सहयोगी देशों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को खारिज कर रहा है, तो दूसरी तरफ कुछ ऐसी घटनाएं भी हो रही हैं जो इलाके में तनाव को बढ़ावा ही दे रही हैं। इस बीच अमेरिका ने सोमवार को कहा कि ईरान के साथ बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए उसने पश्चिम एशिया में 1000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की अनुमति दे दी है।
कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शनहान ने एक बयान में कहा कि सैनिकों को ‘पश्चिम एशिया में हवाई, नौसैनिक, और जमीनी खतरों से निपटने के लिए भेजा जा रहा है। हाल ही में ईरानी हमलों ने ईरानी बलों और उसके इशारों पर काम कर रहे समूहों के शत्रुतापूर्ण व्यवहार पर प्राप्त खुफिया जानकारी की पुष्टि की है, जो पूरे क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों और उनके हितों के लिए खतरा हैं।’ अमेरिका ने पिछले सप्ताह ईरान को ओमान की खाड़ी में हुए 2 टैंकर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि तेहरान ने इसे ‘निराधार’ करार देते हुए खारिज कर दिया था।
हालांकि शनहान ने अपने बयान में यह भी कहा है कि अमेरिका ईरान के साथ कोई टकराव नहीं चाहताा। उन्होंने कहा, ‘तैनाती का लक्ष्य पूरे क्षेत्र में काम करने वाले हमारे सैन्य कर्मियों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करना और हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।’ अमेरिका के ईरान के साथ बहुराष्ट्रीय परमाणु समझौते से बाहर होने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
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