तेहरान: अमेरिका और ईरान के बीच तल्खी लगातार बढ़ती ही जा रही है जिसके चलते पूरे क्षेत्र में तनाव देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को कहा कि उनका देश अमेरिका के दबाव और अपमान के आगे नहीं झुकेगा। आपको बता दें कि अमेरिका ने हाल में खामेनेई और उनके सहयोगियों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। तेहरान में लोगों को संबोधित करते हुए खामेनेई ने कहा, ‘ईरानी लोग गरिमा, स्वतंत्रता और प्रगति चाहते हैं। इसलिए क्रूर दुश्मनों के दबाव से ईरानियों को फर्क नहीं पड़ता है।’
‘धोखा है अमेरिका द्वारा बातचीत की पेशकश’
खामेनेई के दफ्तर ने उनके हवाले से कहा, ‘दुनिया का सबसे दुष्ट अमेरिकी शासन रहमदिल ईरानी राष्ट्र पर इल्जाम लगाता है और अपमानित करता है जबकि वह खुद जंग, संघर्ष और लूटपाट करता है।’ उन्होंने कहा कि ईरानी लोग ऐसे अपमानों के आगे झुकने वाले नहीं है। ईरान के शीर्ष धार्मिक नेता की वेबसाइट ने खामेनेई की हवाले से ट्रंप प्रशासन को ‘सबसे कुटील’ अमेरिकी सरकार बताया गया है और कहा है कि अमेरिका की ईरान के साथ बातचीत की पेशकश एक छल है और स्पष्ट क्रूरता है। ईरान ने पिछले हफ्ते अमेरिका के ड्रोन को मार गिराया था जिसके बाद से दोनों मुल्कों में जुबानी जंग चल रही है।
अमेरिका ने खामेनेई पर भी लगाया था बैन
इस हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खामेनेई और अन्य ईरानी अधिकारियों पर प्रतिबंधों की घोषणा की। ईरान ने मंगलवार को चेताया था कि खामेनेई और अन्य अधिकारियों पर अमेरिका के नए प्रतिबंध का मतलब दोनों देशों के बीच कूटनीति के दरवाजे बंद करना है। मंगलवार देर रात इराकी प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल महेदी ने बताया कि हाल में अमेरिकी अधिकारियों ने इराकी अफसरों से संपर्क करके आरोप लगाया कि 14 मई को सऊदी अरब की पाइप लाइन पर हमले के लिए इस्तेमाल किए गए ड्रोनों ने इराक से उड़ान भरी थी।
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