संयुक्त राष्ट्र: यूरोपीय संघ और जापान की ओर से पेश संयुक्त राष्ट्र मसौदा प्रस्ताव में, उत्तर कोरिया की अपने लोगों को भोजन और दवाएं मुहैया कराने के स्थान पर धन का प्रयोग परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइलें बनाने के लिए निंदा की जाएगी। (मसूद मामले में चीन के खिलाफ एकजूट होंगे भारत और अमेरिका)
यह मसौदा उत्तर कोरिया में लंबे समय से लगातार और बड़े पैमाने पर हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करता है। इसमें उत्तर कोरिया से अपील की गई है कि वह हिरासत में लिए गये लोगों को संचार साधनों के उपयोग और दूतावास के अधिकारियों से मिलने की अनुमति दे।
यह प्रस्ताव अमेरिकी छात्र ओट्टो वार्मविबर को हिरासत में लिये जाने की घटना के बाद आया है। छात्र की जून में घर वापसी के कुछ ही समय बाद मौत हो गयी थी। संभावना है कि इस मसौदे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार समिति में नवंबर के मध्य में मतदान होगा। यदि मसौदा स्वीकार किया जाता है तो इसपर अंतिम मतदान दिसंबर में होगा।
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