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अफगानिस्तान के हालात के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं: इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात के लिए उनके देश के खिलाफ बार-बार आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

Imran Khan, Imran Khan United States, Imran Khan Afghanistan, Imran Khan Taliban- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK.COM/IMRANKHANOFFICIAL पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात के लिए उनके देश के खिलाफ बार-बार आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात के लिए उनके देश के खिलाफ बार-बार आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा शांति और अपने पड़ोसी के लिए एक समावेशी सरकार की स्थापना चाहता है, क्योंकि इसी में दोनों देशों की भलाई है। इस्लामाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए इमरान ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान का प्रवक्ता नहीं है और न ही इसका इससे कोई लेना-देना है कि आतंकी गुट अफगानिस्तान में क्या कर रहा है।

‘तालिबान का प्रवक्ता नहीं है पाकिस्तान’
इमरान ने कहा, ‘तालिबान जो कर रहा है या नहीं कर रहा है उसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है और हम इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं, न ही हम तालिबान के प्रवक्ता हैं। पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान में शांति चाहता है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए हर संभव हद तक जाने को तैयार है और रहेगा। हालांकि, उन्होंने तालिबान के खिलाफ बल प्रयोग से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि अफगानिस्तान को बाहर से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। हमारी नीति अफगानिस्तान के लोगों के साथ सबसे अच्छे संबंध रखने की है।’

‘हम अफगानिस्तान में गृहयुद्ध क्यों चाहेंगे?’
अफगानिस्तान में ऑपरेशन के लिए पाकिस्तानी ठिकानों का इस्तेमाल करने की अमेरिका की मांग का जिक्र करते हुए इमरान ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि अमेरिका बाहर बैठकर अफगानिस्तान में क्या हासिल कर सकता है, क्योंकि यह 20 साल तक अफगानिस्तान के अंदर रहते हुए वह बुरी तरह नाकाम रहा।’ उन्होंने खेद जताया कि अफगानिस्तान में अशांति को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए उनके देश को दोषी ठहराया जा रहा है, और जोर देकर कहा कि एक अस्थिर काबुल इस्लामाबाद के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान आखिर क्यों चाहेगा कि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध हो? हम तालिबान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के अलावा सब कुछ करेंगे क्योंकि ऐसा करने से पाकिस्तान भी लड़ाई में फंसेगा।’

‘भारत RSS की विचारधारा के प्रभाव में है’
इमरान ने कहा, ‘अगर अफगानिस्तान में गृहयुद्ध होता है तो यह पाकिस्तान के कबायली इलाकों में फैल जाएगा। हम और नहीं झेल सकते। हम अमेरिका की सरपरस्ती में दहशतगर्दी के खिलाफ जंग में पहले ही 70,000 से ज्यादा पाकिस्तानियों को खो चुके हैं।’ उन्होंने भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में भी बात की, और कहा कि इस्लामाबाद अफगान शांति प्रक्रिया में नई दिल्ली की किसी भी भागीदारी को तब तक स्वीकार नहीं करेगा, जब तक कि वह '4 अगस्त, 2019 के अवैध निर्णय' को उलट नहीं देता। इमरान ने कहा, ‘पाकिस्तान हमेशा भारत के साथ शांति चाहता है, लेकिन यह भारत ही है जो शांति नहीं चाहता है क्योंकि वर्तमान में वह आरएसएस की विचारधारा के प्रभाव में है।’

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