मनीला: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की से अनुरोध किया कि वह बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को देश वापस लौटने की अनुमति दें। फिलीपीन में चल रहे शिखर सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकात के दौरान गुटेरेस ने सू ची से उक्त बात कही। बैठक में सू ची पर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए संकट समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने का वैश्विक दबाव बना। मंगलवार को अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन मनीला में सू ची से बातचीत करेंगे और यहां से सीधा म्यांमार जाएंगे। सू ची के साथ हुई बातचीत का सार बताते हुए संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान जारी किया। उसके अनुसार, ‘‘महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि मानवीय पहुंच, सुरक्षित, प्रतिष्ठित, स्वैच्छिक और निरंतर वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों में तेजी लाएं। साथ ही दो समुदायों के बीच सुलह, बेहद जरूरी होगी।’’(पीएम नरेंद्र मोदी ने की ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें)
करीब ढाई माह में 6,00,000 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान पड़ोसी बांग्लादेश भागने पर मजबूर हुए हैं। रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा म्यामांर के रखाइन प्रांत में पुलिस चौकियों पर हमला करने के बाद यह संकट उत्पन्न हुआ था। इन विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सेना ने सैकड़ों गांवों को आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद बड़े स्तर पर लोगों ने पलायन किया।
अधिकारियों ने उत्तरी रखाइन में स्वतंत्र पहुंच पर रोक लगा रखी है। मानवाधिकार समूहों ने भी नोबेल पुरस्कार विजेता एवं पूर्व लोकतंत्र कार्यकर्ता सू ची रोहिंग्या पर अपनी बात रखने में नाकाम रहने और देश में मुस्लिम विरोधी भावनाओं को हवा देने की निंदा की है।
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