इस्लामाबाद: पाकिस्तान की दिग्गज ‘‘मानवाधिकार कार्यकर्ता’’ आस्मा जहांगीर के निधन पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए न्याय एवं सर्व समानता को लेकर उनके साहसिक अभियानों की प्रशंसा की। सप्ताहांत में दिल का दौरा पड़ने के चलते आस्मा का निधन हो गया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने 66 वर्षीय वकील के शोकसंतप्त परिजन को अपना ‘‘शोक संदेश’’ भेजा। आस्मा पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की सह-संस्थापक थीं और वह ईरान में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष अधिकारी के तौर पर काम कर चुकी हैं। (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का निजीकरण करना चाहता है अमेरिका )
कल आस्मा के निधन की घोषणा के बाद संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘हमने मानवाधिकार दिग्गज को खो दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह पाकिस्तान की घरेलू न्याय प्रणाली में बतौर वकील रही हों, या वैश्विक नागरिक सामाजिक कार्यकर्ता रही हों या फिर संयुक्त राष्ट्र की विशेष अधिकारी रही हों, उन्होंने अपनी क्षमतानुसार सबको अबाधित एवं समान अधिकार के लिये पुरजोर वकालत की। आस्मा बेहद प्रतिभावान, बेहद सिद्धांतवादी, साहसी एवं दयालु थीं।’’
आस्मा के निधन के बाद पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर शोक संदेशों का अंबार लग गया। सोशल मीडिया उनके निधन को देश के लिये ‘‘अपूरणीय क्षति’’ बताया गया, जबकि सोमवार को पाकिस्तानी अखबरों ने पहले पन्ने पर प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया और देश की शीर्ष मानवाधिकार कार्यकर्ता को श्रद्धांजलि दी।
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