संयुक्त राष्ट्र: म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने देश में गृह युद्ध की आशंका के प्रति आगाह किया है। उन्होंने कहा कि लोग सैन्य जुंटा के खिलाफ खुद को तैयार कर रहे हैं और प्रदर्शनकारियों ने घर पर बने हथियारों एवं कुछ नस्ली सशस्त्र समूहों से प्राप्त प्रशिक्षण का इस्तेमाल कर रक्षात्मक रुख अपनाने के बजाय आक्रामक रुख अपनाना शुरू कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में क्रिसरीन श्रैनर बर्जनर ने कहा कि लोग आत्मरक्षा के कदम उठा रहे हैं क्योंकि वे निराश हैं और सेना के हमलों को लेकर भयभीत हैं। सेना ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार का एक फरवरी को तख्तापलट किया था और अब “बड़े पैमाने पर हिंसा” हो रही है।
उन्होंने कहा कि गृह युद्ध “हो सकता है” और इसलिए पिछले तीन हफ्तों से अपने स्थान पर, जो अब थाइलैंड में है, उन्होंने कई प्रमुख पक्षों के साथ विमर्श कर समावेशी वार्ता शुरू करने के विचार पर चर्चा की जिसमें नस्ली सशस्त्र समूह, राजनीतिक दल, नागरिक समाज, हड़ताल समितियां और तात्मादॉ के तौर पर चर्चित सेना को शामिल करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रत्यक्षदर्शियों के छोटे समूहों को भी शामिल किया जाएगा।
बर्जनर ने कहा, “स्पष्ट तौर पर दोनों पक्षों को वार्ता के लिए रजामंद करना आसान नहीं होगा लेकिन मैं अपने प्रभाव की और खून-खराबा तथा लंबे समय तक चल सकने वाले गृह युद्ध को टालने की पेशकश करती हूं।’’
उन्होंने कहा, “हम स्थिति को लेकर चिंतित हैं और स्पष्ट तौर पर चाहते हैं कि वहां के लोग तय करें कि वह देश को सामान्य स्थिति में पहुंचते हुए कैसे देखना चाहते हैं।” बर्जनर ने म्यांमार में स्थिति को “बहुत खराब” बताते हुए कहा कि 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, करीब 5,300 को गिरफ्तार किया गया है और सेना ने 1,800 से अधिक गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
इनपुट-भाषा
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