संयुक्त राष्ट्र: सयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने आज म्यांमार से रखाइन प्रांत में रोहिंग्याओं के खिलाफ अपना सैन्य अभियान बंद करने का आवान किया और कहा कि मुस्लिम अल्पसंख्यक जातीय खात्मा का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं म्यामां प्रशासन से सैन्य गतिविधियां एवं हिंसा रोकने तथा कानून के शासन का पालन करने का आवान करता हूं। उन्होंने सुरक्षाबलों द्वारा नागरिकों पर हमला करने की खबरों को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। (UN में भारत ने कहा, 'सीमापार आतंकवाद है मौजूदा कश्मीर समस्या की वजह')
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि रोहिंग्या जाति का खात्मा किया जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया, जब रोहिंग्या जनसंख्या के एक तिहाई हिस्से को देश छोड़ना पड़े तो क्या आप इसके लिए इससे अच्छा शब्द ढूढ सकते हैं यांगून से प्राप्त समाचार के अनुसार म्यांमार की नेता आंग सान सू ची अगले हफ्ते रखाइन प्रांत के संकट पर राष्ट्र को संबोधित करेंगी। रोहिंग्या आतंकवादियों के हमले के बाद म्यामां की सेना द्वारा 25 अगस्त को शुरु की गयी कार्रवाई के कारण बड़ी संख्या में मुस्लिम बेघर हो गये और सीमापार चले गए।
इस हिंसा से सीमा के दोनों तरफ मानवीय संकट पैदा हो गया है और ऐसे में सू ची पर पर सैन्य अभियान की निंदा करने का वैश्विक दबाव पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने इसमें जातीय सफाये के सभी संकेत विद्यमान होने की बात कही। म्यांमार सरकार के प्रवक्ता जॉ हते ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सू ची 19 सितंबर को टेलीविजन पर राष्ट्रीय सुलह और शांति के बारे में राष्ट्र को संबोधित करेंगी।
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