सिंगापुर: सिंगापुर में भारतीय मूल के दो मंत्री- विवियन बालकृष्णन और के. शानमुगम- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच यहां कल होने वाली शिखर बैठक को सुगम बनाने के लिए अहम भूमिका निभा रहे हैं। सिंगापुर के विदेश मंत्री बालकृष्णन ने हाल के दिनों में वाशिंगटन, प्योंगयांग और बीजिंग की महत्वपूर्ण यात्राएं की हैं ताकि उनके देश की मेजबानी में हो रही ऐतिहासिक बैठक के लिए आखिरी क्षणों में कोई व्यवधान ना आए।
बालकृष्णन (57) सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी से हैं। उन्होंने मेडिसीन की पढ़ाई की है। शानमुगम कानून एवं गृह मामलों के सिंगापुर के मंत्री हैं। उन्हें इस बात की जिम्मेदारी मिली है कि अमेरिकी राष्ट्रपति और कोरियाई नेता के बीच बैठक सुरक्षा दृष्टिकोण से बगैर किसी व्यवधान के हो। पेशे से वकील और 59 वर्षीय शानमुगम भी सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी से हैं।
सिंगापुर उन कुछ देशों में शामिल है जिसका अमेरिका और उत्तर कोरिया, दोनों देशों से राजयनिक संबंध है। बालकृष्णन ने चांगी हवाईअड्डा पर कल किम की अगवानी की। उन्होंने कहा कि यह बैठक 70 साल के संदेह, युद्ध और कूटनीतिक नाकामियों के बाद हो रही है। हालांकि, उन्होंने बीबीसी से कहा कि दशकों का तनाव एक बैठक में दूर नहीं हो सकता। लेकिन दोनों पक्षों के कर्मचारियों से बातचीत और उनकी व्यक्तिगत मुलाकातों के आधार पर दोनों ही नेता बहुत आश्वस्त और आशावादी हैं।
बालकृष्णन ने यह भी कहा कि सिंगापुर सरकार किम के होटल बिल का खर्च उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह खर्च बैठक के लिए सिंगापुर सरकार के 1.5 करोड़ डॉलर में शामिल है जो सिंगापुर इस बैठक के लिए खर्च कर रहा है। प्रधानमंत्री ली सेन लूंग ने कल कहा था कि इसमें से आधा खर्च सुरक्षा पर किया जा रहा है।
इस बीच, शानमुगम ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था कर ली है। ‘‘हमारे पास पुलिस और आपदा प्रतिक्रिया टीमों जैसे 5,000 होम टीम अधिकारी हैं।’’
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