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तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने लगवाई अपने पसंदीदा कुत्ते की भव्य सोने की प्रतिमा

तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुकामेदोव नए अपने सबसे पसंदीदा कुत्ते का एक बड़ा स्मारक बनवाया है।

Turkmenistan, Turkmenistan Dog, Turkmenistan Gurbanguly Berdymukhamedov Dog- India TV Hindi Image Source : TWITTER तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुकामेदोव नए अपने सबसे पसंदीदा कुत्ते का एक बड़ा स्मारक बनवाया है।

ऐश्गाबात: तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुकामेदोव नए अपने सबसे पसंदीदा कुत्ते का एक बड़ा स्मारक बनवाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस स्मारक को राजधानी आश्गाबात के एक रिहायशी इलाके में बनवाया गया है, जहां सिविल सर्वेंट्स के रहने की व्यवस्था। राष्ट्रपति द्वारा बनवाए गए इस स्मारक में उनके पसंदीदा कुत्ते की सोने की प्रतिमा को एक स्तंभ पर रखा गया है। बता दें कि अलाबाई कुत्तों को देश की राष्ट्रीय विरासत के तौर पर मान्यता दी गई है। राष्ट्रपति बर्दीमुकामेदोव ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए चरवाहों के पसंदीदा अलाबाई कुत्ते का इस्तेमाल करते रहे हैं।

राष्ट्रपति ने बनवाई थी खुद की प्रतिमा
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब बर्दीमुकामेदोव के द्वारा बनवाई गई किसी प्रतीमा ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा हो। इससे पहले 2015 में उन्होंने खुद की ही मूर्ति बनवाई थी। बर्दीमुकामेदोव की वह मूर्ति तांबे की थी और उसपर बड़े से मार्बल बेस पर सोने का पानी चढ़ाया गया था। राष्ट्रपति के पसंदीदा कुत्ते की यह प्रतिमा लगभग 6 मीटर (19 फीट) ऊंची है। इस प्रतिमा को राजधानी आश्गाबात में मंगलवार को स्थापित किया गया था। राष्ट्रपति ने पिछले साल इस नस्ल के कुत्तों को समर्पित एक पुस्तक का अनावरण किया था।


कुछ लोग आलोचना भी कर रहे हैं
कुत्ते की प्रतिमा के पास एक एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है जिसमें उसे कई रूपों में देखा जा सकता है। अभी तक इस स्मारक पर आने वाले खर्च के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वैसे राष्ट्रपति बर्दीमुकामेदोव का कुत्तों से प्रेम जगजाहिर है और वह कई मौकों पर दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों को गिफ्ट में इसे देते रहे हैं। बता दें कि तुर्कमेनिस्तान की एक बड़ी आबादी बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम है, इसलिए कुछ लोग राष्ट्रपति के इस कदम पर अपनी नाराजगी भी जता रहे हैं। साथ ही इस मुल्क में प्रेस की आजादी का भी हाल काफी बुरा है।

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