अंकारा: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने शुक्रवार को अमेरिका और इस्राइल पर ईरान में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। ईरान में एक हफ्ते चले प्रदर्शनों में कुल 21 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2009 में हुए प्रदर्शनों के बाद यह इस्लामी सरकार के सामने बड़ी चुनौती थे। एर्दोगन ने फ्रांस की यात्रा पर जाने से पहले कहा, ‘हम यह स्वीकार नहीं कर सकते हैं कि कुछ देश, सर्वप्रथम अमेरिका और इस्राइल, ईरान और पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में दखल दें।’
एर्दोगन ने कहा, ‘ये इन देशों में लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ कर रहे हैं। यह शर्मनाक है कि हमने ऐसा कई देशों में देखा, हमने यह इराक में देखा।’ एर्दोगन ने यह नहीं बताया कि वह पाकिस्तान में किस तरह के कथित दखल की बात कर रहे थे। आपको बता दें कि अमेरिका ने गुरूवार को सैन्य आपूर्ति और सुरक्षा के लिए वित्तीय सहयोग को तब तक रोक दिया है जबतक पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता।
तुर्की के राष्ट्रपति ने सीरिया, फिलिस्तीन, मिस्र, लीबिया और ट्यूनेशिया और सुडान तथा चाड समेत अफ्रीकी देशों में परेशानियों का हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि कुछ देशों में एक खेल खेला जा रहा है जो उनके मुताबिक मुस्लिम बहुल राष्ट्र हैं। एर्दोगन और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को फोन पर बात की थी। इस दौरान तुर्की के नेता ने ईरान में शांति और स्थिरता वापस लाने को लेकर अपना समर्थन दिया था।
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